बड़ा लोचा है आजकल,बहुत खबरें मिल रही हैं कि पत्नियां अब पतियों को निपटाने में लगी हैं, पति पहले ही बेचारा अधमरा था अब तो पूर्णमरा होने लगा,कोई शादी से पहले मर रहा है,कोई शादी के बाद। कोई कोई तो हनीमून से ही वापस नहीं लौट रहा,हनीमून के पहले चरण में ही पति ईश्वर के चरण में और पत्नी पुलिस की शरण में। अब पुलिस का एक काम और बढ़ गया है कि हनीमून पर क्या क्या हुआ उसको फिर से रीक्रिएट करके दिखाना। लेकिन इस रिक्रिएशन में क्या क्या शामिल है पता नहीं क्योंकि हमने तो अभी तक हनीमून मनाया ही नहीं। इसलिए वहां क्रिएट क्या होता है यह ही नहीं मालूम तो फिर रीक्रिएट का तो सवाल ही नहीं। खैर,तो बात कुल मिलाकर यह है कि अब शादी पहले जैसी नहीं रही,अब सिलेबस बदल चुका, मंगनी से लेकर टंगनी तक ,अरे टंगनी मतलब जब एक मरेगा तो दूसरा टंगेगा न।अब कौन मरेगा और कौन टंगेगा यह डिपेंड करेगा कि हनीमून पर किसके साथ ज्यादा लोग जाते हैं। पहले सिर्फ पति पत्नी जाते थे हनीमून पर लेकिन अब बॉयफ्रेंड का सिस्टम भी शुरू हो गया।
देखो भैया,त्रेता युग में महारानी कैकेई के साथ मायके से मंथरा आई थी उसने रायता फैला दिया,फिर द्वापर युग में गांधारी के साथ शकुनि आया तो उसने बखेड़ा कर दिया अब कलजुग में तो ब्वॉयफ्रेंड ही ऑथराइज्ड है , इसलिए पंडित जी से कुंडली मिलवाते समय यह मत पूछना कि लड़की मांगलिक है या नहीं,अब पूछना कि लड़की दांगलिक है या नहीं ? मांगलिक वो होती है जिसकी कुंडली में मंगल बैठा हो और दांगलिक वो जिसकी कुंडली में ब्वॉयफ्रेंड बैठा हो और यह योग कितना प्रबल है यह भी जरूर पता कर लेना,प्रबल से मतलब कितने बॉयफ्रेंड हैं क्योंकि पहले की तरह आजकल एक से काम नहीं चलता। जैसे पहले एक फ्लैट,एक गाड़ी,एक नौकरी होती थी लेकिन आजकल सब एक से ज्यादा होने लगे तो ब्वॉयफ्रेंड भी एक नहीं होगा,यह बात अच्छे से समझ लो। लेकिन सॉरी मैं समझ की बात क्यों कर रहा हूं,यह समझ से परे है क्योंकि लालबुझक्कड़ चच्चा ने कहा था कि शादी और समझ की बात एक साथ मत किया करो। खैर, तो बात सिर्फ इतनी सी है कि शादी से पहले ब्वॉयफ्रेंड की पूरी जानकारी उसी तरह ले लेना जैसे आधार कार्ड वाले खोद खोदकर सारी बातें पूछते हैं, उसके फिंगर प्रिंट भी पहले ही ले लेना,बाद में पुलिस को दिक्कत न हो । किसी की कुंडली में ब्वॉयफ्रेंड का योग हो तो सबसे पहले शर्त यही रख देना कि बॉयफ्रेंड हिंसावादी नहीं होना चाहिए, आखिर हम गांधीजी के देश में रह रहे हैं फिर हिंसक ब्वॉयफ्रेंड की क्या जरूरत है ? भाई करना है तो सत्याग्रह करो,आमरण अनशन करो सीधे मर्डर क्यों करना और वो भी हनीमून पर ? अरे हनीमून तो प्यार के लिए होता है,एक दूसरे को समझने के लिए होता है जान लेने के लिए थोड़ी होता है, ब्वॉयफ्रेंड के साथ हनीमून मनाने वक्त भी तो उसका मर्डर नहीं किया न,तो बस वैसा भी गांधीवादी हनीमून पति के साथ मना लो उसमें दिक्कत क्या है ?
आखिर हनीमून के बाद भी तो पति की रोज रोज जान खाना ही है,फिर एक झटके में जान क्यों लेना,पहले की तरह रोज रोज खाइए किसने रोका है ? और इतने एग्रीमेंट के बाद भी कोई लोचा दिखे तो शादी से पहले ही ट्रंप अंकल से बात जरूर कर लेना क्योंकि कोई भी झगड़ा लफड़ा हो तो समझौता कराने वो ही आयेंगे । लड़ाई रुकवाने में भूरा भाई का कोई जवाब नहीं,भूरा भाई ने जब पाकिस्तान और ईरान को ठुकने से बचा लिया तो हमें नहीं बचायेंगे क्या ? इसलिए भैया, सब काम सावधानी से करो,सावधानी में ही सुरक्षा है इसलिए या तो शादी करो ही मत,पोपटलाल ही बने रहो या फिर सब इंतजाम पहले ही पुख्ता कर लो,क्योंकि जान है तो जहान है ब्वॉयफ्रेंड महान है… हैप्पी एंड सैफ हनीमून,सादर प्रणाम।
निवेदक…
*मुकेश “कबीर”*(कवि एवं व्यंग्यकार) *(विभूति फीचर्स)*



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