नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने चौबटिया गार्डन का किया भ्रमण, एक्सीलेंस सेंटर बनाने हेतु किसानों से ली राय

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कैलाश पुजारी
रानीखेत/ उद्यान निदेशक डा0 हरमिंदर सिंह बवेजा के अथक प्रयासों से पंडित दिन दयाल उपाध्याय राजकीय उद्यान चौबटिया को डच गवर्नमेंट (नीदरलैंड) के सहयोग से एक्सीलेंस सेंटर (उत्कृष्टता केंद्र) के रूप में विकसित किए जाने को नीदरलैंड के वैज्ञानिको द्वारा उद्यान का भ्रमण किया गया। इस संबंध में शीघ्र विस्तृत कार्य योजना तैयार कर भारत सरकार को प्रस्तुत की जाएगी। राजकीय उद्यान चौबटिया में नीदरलैंड से आए वैज्ञानिकों द्वारा क्षेत्रीय काश्तकारों एवम् व्यक्तिगत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर उनके सुझाव लिए गए। राजकीय उद्यान चौबटिया को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किए जाने से उद्यान एवं क्षेत्रीय काश्तकारों को लाभ मिलेगा। इस दौरान एक्सीलेंस सेंटर से क्षेत्रीय काश्तकारों को होने वाले लाभ से भी अवगत कराया गया। कई जिलों से आए काश्तकारों ने एक्सीलेंस सेंटर को लेकर अपनी अपनी राय दी। रामगढ़ से आए उद्यान पंडित विक्रम सिंह ने कहा कि चौबटिया उद्यान में एक्सीलेंस सेंटर खुलने से काश्तकारों को नई नई तकनीकों के बारे में जानकारी मिल पाएगी और उत्तम किस्म के पौधे उपलब्ध होंगे। भारत सरकार का यह स्वागत योग्य कदम है। उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ0 बी के गुप्ता ने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के बनने से स्थानीय काश्तकार लाभान्वित होंगे, इसके अंतर्गत किसानों के प्रशिक्षण केंद्र की भी स्थापना की जाएगी। उद्यान भ्रमण के दौरान ब्रिज विधि द्वारा तैयार की गई सेब की विभिन्न प्रजातियों तथा चौबटिया उद्यान में ग्राफ्टिंग द्वारा तैयार किए जा रहे सेब, खुबानी, चेरी, आडू, नाशपाती आदि फलों की नवीनतम पौधों की जानकारी दी गई।

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नाशपाती के नवीनतम प्रजाति के बारे में भी बताया गया। उद्यान भ्रमण के दौरान नीदरलैंड एवम् भारत सरकार से आए वैज्ञानिकों द्वारा चौबटिया उद्यान में किए जा रहे कार्यों की प्रशंशा की गई। इस दौरान भारत सरकार से डा0 तरन्नुम, इंडो डच सरकार से मार्क्स स्लोकास सहित डा0 सुरभि पांडे, मुख्य उद्यान अधिकारी सतीश कुमार शर्मा, प्रधान सहायक नारायण सिंह, मोहन सिंह रौतेला, कैलाश पुजारी, भूपाल सिंह बिष्ट, भुवन चंद्र आर्य सहित कई काश्तकार और अधिकारी मौजूद थे।

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