श्री राम जन्मभूमि आदिपुरी अयोध्या की महिमां है, अपरम्पार: पवन चौहान

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लालकुऑ/अयोध्या
श्री रामचंद्र जी की जन्मभूमि अयोध्या की महिमा तीनों लोकों में अपरंपार है, सनातन संस्कृति की मर्यादा का विराट वैभव यहाँ सर्वत्र बिखरा हुआ है।
यह उदगार अयोध्या की यात्रा पर जा रहे पूर्व चैयरमैन एवं वरिष्ठ भाजपा नेता पवन कुमार चौहान ने एक भेंट वार्त्ता में व्यक्त किये श्री चौहान ने कहा सोमवार को 29 अप्रैल को श्री राम भक्तों के जत्थे के साथ वे सपत्नी  पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष अरुणा चौहान के साथ अयोध्या की यात्रा पर निकल रहे है यह उनके लिए सौभाग्य की बात है

उन्होंने बताया चार दिवसीय इस यात्रा में नगर के राम भक्त राजा राम प्रेम खुराना पवन शर्मा सहित दर्जनों यात्री है
उन्होंने ने कहा सूर्यवंशी राजाओं की महा प्रतापी भूमि अयोध्या की धरती पर ही भगवान विष्णु ने श्री रामचंद्र के रूप में अवतार लेकर इस वसुंधरा को कृतार्थ किया सरयू के तट पर स्थित इस नगरी को ईश्वर की नगरी भी कहा जाता है
सप्तपुरियों में अयोध्या भी एक है, पुराणों ने इसे मोक्षदायिनी नगरी कहा है सातपुरी है। काशी, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, कांचीपुरम, अवंतिका (उज्जैन) और द्वारिका ये सप्तपुरिया यानि सात ऐसे नगर कहे गए है,जो मोक्ष को प्रदान करनें वाले है। इन्हीं में अयोध्या एक है रामायण ही नहीं स्कंद पुराण ने भी प्रभु श्री रामचन्द्र जी की जन्मभूमि अयोध्या की महिमां का सुन्दर शब्दों में बखान किया है।

यह भगवान् विष्णुकी आदिपुरी है और बिष्णु के सुदर्शन चक्र पर स्थित है।अयोध्या क्षेंत्र की परिधी में ब्रह्मकुण्ड़, ऋणमोचन,पापमोचन,चक्र तीर्थ, सहत्रधारा,स्वर्गद्वार, चन्द्रहरि तीर्थ, सीताकुण्ड़, गुप्तहरि, चक्र हरि, सम्भेद तीर्थ,धर्महरि, स्वर्णखनी,कोटिशत तीर्थ,गोप्रतारतीर्थ, क्षमा तीर्थ, इन्द्रिय निग्रह तीर्थ, सर्वभूतदयातीर्थ, ज्ञान तीर्थ, तपस्तीर्थ, सहित अनेकों तीर्थ है, जिनका अपना अलग- अलग महत्व है।
उन्होंने कहा यह यात्रा प्रभु श्री राम की कृपा का प्रताप है

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