श्री राम नाम की महिमां अपरम्पार है : आचार्य जितेन्द्र कृष्ण

ख़बर शेयर करें

लालकुआँ/ विश्व भक्ति परमार्थ मिशन चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में लालकुआं शहर के अम्बेडकर पार्क वार्ड नंबर एक में दो अगस्त बुधवार से संगीतमय श्री राम कथा महोत्सव का शुभारंभ हो चुका है यहाँ कथा का वाचन श्रीधाम वृंदावन के प्रसिद्ध आचार्य श्री जितेन्द्र कृष्ण द्वारा किया जा रहा है
यहाँ कथा के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध कथा वाचक आर्चाय जितेन्द्र कृष्ण ने कहा श्री राम नाम की महिमां अपरम्पार है
हर पल नाम सुमिरन व व प्रभु श्री राम की भक्ति करना ही जीवन का मूल उद्देश्य होना चाहिए। सांसारिक कार्य करने के बाद पश्चाताप हो सकता है, परन्तु श्री राम की भक्ति, साधना, ध्यान, परोपकार के पश्चात् पश्चाताप का कोई स्थान नही वरन् आनन्द ही आनन्द है। आत्म संतोष की अनुभूति श्री राम कथा के श्रवण से प्राप्त होती है।
उन्होंने कहा कि अमृत से मीठा अगर कुछ है तो वह श्री राम का नाम है,सत्यता के मार्ग पर चलकर परमात्मा प्राप्त होंते है, मन-बुद्धि, इन्द्रियों की वासना को यदि समाप्त करना चाहते हो तो हृदय में श्री राम की भक्ति की ज्योति को जलाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा भगवान शंकर की कृपा के बिना प्रभु श्री राम की कृपा प्राप्त नही हो सकती है । शिव के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है, शिव कृपा ही श्री राम भक्ति का सुगम पथ है। राम ही जीवन के आधार हैं उन्होंने कहा जो प्राणी श्री राम की शरणागत है उसे स्वप्न में भी लेशमात्र दुख नहीं होता वह सतांपों से मुक्त है। पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा जीवन में मर्यादा व कर्तव्य का स्थान सबसे ऊचाँ है। और इस ऊंचाई का ज्ञान हमें श्री राम की लीला से प्राप्त होता है। और यह लीला शिव कृपा का प्रताप है महादेव व राम अभेद है।उन्होंने कहा प्रभु श्रीराम का जीवन चरित्र सत्य पथ की सीख देता है।इसलिए मनुष्य को समस्त बुराईयों से बचते हुए सदा अच्छे व सच्चे मार्ग पर चलना चाहिए यही जीवन की सार्थकता है। इसी में जीवन का आनन्द है।
उन्होंने कहा यह कथा सारे अज्ञान को नष्ट करनें वाली है
रामकथा सुंदर कर तारी। संसय बिहग उड़ावनिहारी॥
रामकथा कलि बिटप कुठारी। सादर सुनु गिरिराजकुमारी॥
राम नाम गुन चरित सुहाए। जनम करम अगनित श्रुति गाए॥
जथा अनंत राम भगवाना। तथा कथा कीरति गुन नाना॥
श्री रामचन्द्रजी की कथा हाथ की सुंदर ताली है, जो संदेह रूपी पक्षियों को उड़ा देती है। फिर रामकथा कलियुग रूपी वृक्ष को काटने के लिए कुल्हाड़ी है। हे गिरिराजकुमारी! तुम इसे आदरपूर्वक सुनो॥ वेदों ने श्री रामचन्द्रजी के सुंदर नाम, गुण, चरित्र, जन्म और कर्म सभी अनगिनत कहे हैं। जिस प्रकार भगवान श्री रामचन्द्रजी अनन्त हैं, उसी तरह उनकी कथा, कीर्ति और गुण भी अनंत हैं॥
इस अवसर पर कथा के मुख्य यजमान श्रीमती राज लक्मी पंडित प्रेमनाथ पंडित नगर पंचायत अध्यक्ष लाल चन्द्र सिंह जगदीश अग्रवाल आनन्द बल्लभ डौर्बी ईष्ट देव देवी दत्त पाण्डे कुलदीप मिश्रा श्री कृष्ण शुक्ला महेश चौधरी भवानी शंकर तिवारी सुभाष रस्तोगी विश्व नाथ सहित अनेकों भक्तजन मौजूद रहे

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad