बेरीपड़ाव में अष्टादश भुजा माता महालक्ष्मी मंदिर के प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा वाचक व्यास श्री नमन् कृष्ण महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की अनेक लीलाओं के साथ श्रेष्ठतम लीला रास लीला का सुन्दर शब्दों में वर्णन किया इस अवसर पर गोपी गीत की महिमां का भी उन्होंनें सुन्दर शब्दों में वर्णन किया साथ ही उन्होंने कहा जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाता है लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देकर कृतार्थ कर देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए उन्होंने कहा भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ उन्होंने कहा रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो उसकी सार्थकता है श्री महाराज ने कहा धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वयं ही प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन भी सुन्दर शब्दों में किया
श्री महाराज जी ने कुमाऊं की पावन धरा पर स्थित चित्रेश्वर महादेव व गार्गी नदी की महिमां का भी सुन्दर वर्णन किया
इस अवसर पर वरिष्ठ महामंडलेश्वर श्री सोमेश्वर यति महाराज सेंचुरी मिल के सीईओ अजय गुप्ता सी ओ ओ प्रणव शर्मा सी एफ ओ महेन्द्र हरित वरिष्ठ महाप्रबंधक नरेश चन्द्रा के० एल० गुप्ता आर० पी० सिंह घनश्याम शर्मा दिनेश अग्रवाल एडवोकेट विनोद जोशी उमेश कुमार वार्ष्णेय सर्वदमन सिंह चौधरी मोहन चन्द्र पाण्डे शंकर तिवारी बीना जोशी विवेक पाण्डेय पी० पी० दूबे बसंत शर्मा पुजारी कमल शास्त्री अंजनी तिवारी विवेक शास्त्री रवि शास्त्री के अलावा यजमान परिवार से श्रीमती रेखा रोहतगी मुकुल रोहतगी अल्पना रोहतगी कविता रोहतगी अंशुल रोहतगी आदि मौजूद रहे
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