श्री राम के चरणों तक पहुचनें का सुन्दर सेतु है सुंदरकांड: सोमेश्वर यति महाराज

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बेरीपड़ाव / श्री अष्टादशभुजा महालक्ष्मी मंदिर में आयोजित सुन्दर काण्ड में आज सैकड़ों भक्तों ने भाग लेकर श्री बालाजी के चरणों में अपने आराधना के श्रद्वापुष्प अर्पित किये

इस अवसर पर वरिष्ठ महामण्डलेश्वर श्री सोमेश्वर यति महाराज जी ने कहा हनुमान जी ऐसे देवता है।कि जो आज भी धरती पर साक्षात् रुप से विचरण करते रहते हैं। तथा अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते है। उनका वास सदा ही भक्तों के हृदय में रहता है।उनका प्रताप चारों युगों में है।
चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥
अंतकाल रघुवरपुर जाई, जहां जन्म हरिभक्त कहाई॥
और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥
चारों युग में हनुमानजी के ही परताप से जगत में उजियारा है।
उन्होनें कहा श्रीराम की कृपा प्राप्ति के लिए हमें हनुमानजी को प्रसन्न करना चाहिए। उनकी आज्ञा के बिना कोई भी श्रीराम तक पहुंच नहीं सकता। हनुमानजी की शरण में जाने से सभी मनोरथ पूर्ण होते है।
श्री महाराज जी ने कहा हनुमान जी इस कलियुग में सबसे ज्यादा प्रभाव है। इस कलिकाल में हनुमानजी की भक्ति ही लोगों का जीवन सवारती है।सुंदरकांड इस बात का परिचायक है कि आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के बल पर कोई कार्य असंभव नही है।
सुंदरकांड, हनुमान जी की विजय और उनकी शक्ति का प्रदर्शन करता है। इसका पाठ करने से रामभक्त हनुमान प्रसन्न भी होते हैं। जिसके प्रभाव से शनि और राहु ग्रह जैसै ग्रहों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। सुंदरकांड का पाठ करने से भगवान राम और हनुमान जी, दोनों की ही कृपा अनायास ही प्राप्त होती है।इसका पाठ सभी मनोरथों को पूरा करता है। इसका पाठ करने से विद्यार्थियों को आत्मविश्वास मिलता है।तथा बुद्धि निर्मल हो जाती है।मनोशांति का यह सुगम उपाय है।सुन्दरकाण्ड के पाठ से बहुत सारे लाभ होते है उनमे से कुछ हम यहाँ बता रहे है – १) इसका पाठ करने से विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलता है, ये आत्मविश्वासमें बढोतरी करता है और परीक्षा में अच्छे अंक लाने में मददगार होता है, बुद्धि कुशाग्र होती है, अगर बहुत छोटे बच्चे है तो उनके माता या पिता उनकेलिए इसका पाठ करे.
२) इसका पाठ मन को शांति और सुकून देता है मानसिक परेशानियों और व्याधियो से ये छुटकारा दिलवाने में कारगर है,
३) जिन लोगो को गृह कलेश की समस्या है इस पाठ से उनको विशेष फल मिलते है,
४) अगर घर का मुखिया इसका पाठ घर में रोज करता है तो घर का वातावरण अच्छा रहता है,
५) घर में या अपने आप में कोई भी नकारात्मक शक्ति को दूर करने का ये अचूक उपाय है,
६) अगर आप सुनसान जगह पर रहते है और किसी अनहोनी का डर लगा रहता हो तो उसस्थान या घर पर इसका रोज पाठ करने से हर प्रकार की बाधा से मुक्ति मिलती हैऔर आत्मबल बढ़ता है.
७) जिनको बुरे सपने आते हो रात को अनावश्यक डर लगता हो इसके पाठ निश्चित से आराम मिलेगा.
८) जो लोग क़र्ज़ से परेशान है उनको ये पाठ शांति भी देता है और क़र्ज़ मुक्ति में सहायक भी होता है,
९) जिस घर में बच्चे माँ पिता जी के संस्कार को भूल चुके हो, गलत संगत मेंलग गए हो और माँ पिता जी का अनादर करते हो वहा भी ये पाठ निश्चित लाभकारीहोता है.
१०) किसी भी प्रकार का मानसिक या शारीरिक रोग भले क्यों न हो इसका पाठ लाभकारी होता है.
११) भूत प्रेत की व्याधि भी इस पाठ को करने से स्वतः ही दूर हो जाती है.
१२) नौकरी में प्रमोशन में भी ये पाठ विशेष फलदाई होता है.
१३) घर का कोई भी सदस्य घर से बाहर हो आपको उसकी कोई जानकारी मिल पा रहीहो या न भी मिल पा रही हो तो भी आप अगर इसका पाठ करते है तो सम्बंधितव्यक्ति की निश्चित ही रक्षा होगी, और आपको चिंता से भी राहत मिलेगी

यहां मंदिर में प्रति मंगलवार को सुंदरकांड पाठ का आयोजन होता है जिसमें भक्तजनों काफी संख्या में भाग लेते हैं
इस अवसर पर आज मोहन चन्द्र पाण्डे निखिल दुम्का मोहन भट्ट कमल द्विवेदी उमेश वार्ष्णेय प० चन्द्र शेखर जोशी सहित अनेकों उपस्थित रहे

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