बिहार की राजनीति में बवाल बनती तेजप्रताप की प्रेम कहानी

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालूप्रसाद यादव के ज्येष्ठ पुत्र और बिहार विधानसभा के सदस्य तेज प्रताप यादव द्वारा सोशल मीडिया पर अपनी रिलेशनशिप के ऐलान और प्रेमिका की तस्वीर शेयर करने के बाद से बिहार की राजनीति और लालू परिवार में भूचाल आया हुआ है। लालू यादव ने तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
सोशल मीडिया पर जो पोस्ट तेजी से वायरल हुआ था। इसमें तेज प्रताप एक लड़की के साथ दिख रहे थे। तेज प्रताप की प्रेम कहानी खुद उनके ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट से सामने आयी, जहां एक लड़की की फोटो के साथ पोस्ट कर लिखा गया कि- ‘मैं तेज प्रताप यादव और मेरे साथ इस तस्वीर में जो दिख रही हैं उनका नाम अनुष्का यादव है। हम दोनों पिछले 12 सालों से एक दूसरे को जानते हैं और प्यार भी करते हैं। हम लोग पिछले 12 सालों से रिलेशनशिप में रह रहे हैं।’ मैं बहुत दिनों से आप लोगों से यह बात कहना चाहता था पर समझ नहीं आ रहा था कैसे कहूं….? इसलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से अपने दिल का बात आप सब के बीच रख रहा हूं! आशा करता हूं आप लोग मेरी बातों को समझेंगे।” यह पोस्ट देखते ही देखते वायरल हो गई।
वैसे तेजप्रताप विवाहित हैं, तेज प्रताप यादव की शादी वर्ष 2018 के मई महीने में पूर्व सीएम दारोगा राय की पोती और बिहार की मंत्री रह चुकी चंद्रिका राय की पुत्री ऐश्वर्या राय से हुई थी। लेकिन शादी के चंद महीने बाद ही नवंबर 2018 में तेज प्रताप ने अपनी पत्नी से तलाक के लिए अर्जी दाखिल कर दी थी। अभी ऐश्वर्या से उनका विवाद कोर्ट में चल ही रहा है। लेकिन इसी बीच उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए 12 साल पुराने प्यार की कहानी सार्वजनिक की। इस कहानी के सामने आते ही लोगों ने यह कहा कि जब वो पहले से किसी के साथ रिलेशन में थे, तब ऐश्वर्या की जिंदगी क्यों बर्बाद की?
पत्नी से तलाक की मंजूरी के बगैर तेज प्रताप यादव के दूसरी महिला के साथ रिलेशनशिप में रहने का मामला सोशल मीडिया के जरिए सामने आया है। ऐसे में विधि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि उनकी पत्नी ऐश्वर्या चाहे तो उन्हें कानून के दायरे में लाया जा सकता है। हालांकि यह तभी संभव होगा जब पत्नी की तरफ से इसको लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाए।
पूर्व मंत्री और राजद के विधायक तेज प्रताप यादव को राष्ट्रीय जनता दल से निकाल दिया गया। राजद सुप्रीमो और तेज प्रताप के पिता लालू यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यह एलान किया। उन्होंने तेज प्रताप को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने लिखा, ‘निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित किया जाता है।’
लालू प्रसाद यादव ने आगे लिखा कि अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है।
अब जान लीजिए कि तेजप्रताप की कथित गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव कौन हैं? सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों की मानें तो बताया जा रहा है कि अनुष्का यादव और कोई नहीं बल्कि छात्र राजद के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके आकाश यादव की बहन हैं। सोशल मीडिया के कई पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि अनुष्का और आकाश यादव भाई-बहन हैं। बिहार की राजनीति में आकाश यादव को तेजप्रताप यादव का करीबी माना जाता है। 2021 में आकाश यादव को छात्र राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए तेजप्रताप पार्टी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से भिड़ गए थे। इस बात से जगदानंद सिंह काफी नाराज हो गए थे और पार्टी भी छोड़ना चाह रहे थे, लेकिन लालू यादव ने उन्हें रोक लिया था। आकाश के लिए तेज प्रताप अपने परिवार से भी भिड़ गए थे। उन्होंने ना सिर्फ अपने भाई तेजस्वी यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था, बल्कि पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी की बात भी मानने से इनकार कर दिया था। अंत में तेज प्रताप की जिद के आगे लालू परिवार झुक गया था।
इधर, कथित गर्लफ्रेंड के साथ पोस्ट वायरल होने के कुछ देर बाद तेज प्रताप यादव फेसबुक पर वायरल जानकारी से मुकर गए और उन्होंने अपना अकाउंट हैक होने की जानकारी दी। इसमें यह कहा गया है कि ये सब उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है। उन्होंने लिखा है – “मेरे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को हैक एवं मेरी तस्वीरों को गलत तरीके से एडिट कर मुझे और मेरे परिवार वालों को परेशान और बदनाम किया जा रहा है। मैं अपने शुभचिंतको और फॉलोवर्स से अपील करता हूं कि वे सतर्क रहें और किसी भी अफ़वाह पर ध्यान न दें…”।
राजद विधायक तेजप्रताप यादव हाल ही में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट की अनुमति लेकर मालदीव की सैर पर गये थे। वहां से दो दिन पहले ही पटना लौटे हैं। शनिवार की शाम तक उनकी दिनचर्या सामान्य थी, लेकिन उसी दिन शाम में उनके फेसबुक पर इजहार-ए-इश्क के पोस्ट से तूफान खड़ा हो गया।
इस सबके बीच उठे राजनीतिक पारिवारिक तूफान में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने तेज प्रताप यादव के पक्ष में बयान दिया है। रविवार को तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए लालू यादव ने बाहर कर दिया जिसको लेकर अब पप्पू यादव भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि अपने प्रेम को सार्वजनिक जीवन में सामने लाना यह कोई गुनाह नहीं है।
पप्पू यादव ने कहा, “क्या लालू यादव और उनके परिवार को यह बात पहले पता नहीं थी… सब पता था. लालू जी के बेटे ने कोई गलत काम नहीं किया है, कोई बलात्कार तो नहीं किया है? उन्होंने कहा, “लालू जी के दल में भी ऐसे नेता हैं जिनके ऊपर ऐसे आरोप हैं लेकिन पार्टी चलाने के लिए लालू जी उनके घर जाते हैं, उनसे मदद लेते हैं क्या वह गलत नहीं है ? किसी ऐसे नेता को निकाला? राजनीति के तहत किसी का जीवन बर्बाद नहीं किया जाना चाहिए। हर किसी चीज में राजनीति को नहीं लाया जाना चाहिए।”
पप्पू यादव पूर्णिया में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने इस पूरे मामले पर कहा, “व्यक्तिगत चीज है लेकिन लालू यादव को एक बात समझनी होगी, आपके बेटे ने ईमानदारी से प्रयास किया और दुनिया के सामने खुलकर प्यार का इजहार किया। याद कीजिए, बिल गेट्स ने भी अमेरिका में स्वीकार किया था कि हमसे भूल हुई, जब उन पर आरोप लगे थे, अमेरिका ने सराहना भी की थी।
लेकिन तेज प्रताप के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई के संबंधों पर एतराज जताया है और कहा है कि राजनीति और निजी जीवन अलग चीज है, लेकिन जो हुआ है ना तो मैं उसको पसंद करता हूं और ना ही बर्दाश्त करता हूं। इसी बीच लालू प्रसाद यादव की बेटी और तेज प्रताप यादव की बहन रोहिणी आचार्य भी इस मुद्दे पर मुखर हैं। उन्होंने एक्स पर एक लंबा और भावनात्मक पोस्ट लिखकर यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपने पिता के फैसले के साथ हैं और तेज प्रताप के आचरण को परिवार और पार्टी के खिलाफ मानती हैं।
सवाल उठता है कि तेज प्रताप यादव का यह मामला सामाजिक स्वीकृति योग्य माना जाए अथवा विवाहेत्तर संबंधों के चलते नैतिक मूल्यों के खिलाफ सामाजिक मान्यताओं का उल्लंघन माना जाए जैसा कि लालू प्रसाद यादव का परिवार मान रहा है। यदि यह विशुद्ध युवक युवती के बीच प्रेम संबंध का मामला होता तो निश्चित तौर पर इसे सामाजिक स्वीकृति मिलती लेकिन सार्वजनिक राजनीतिक जीवन में रहते हुए विवाहित पत्नी को त्याग कर सात साल से तलाक का मुकदमा लंबित होने के बावजूद पिछले बारह साल से किसी के साथ प्यार और साथ रहने की जानकारी सामाजिक मान्यताओं और नैतिकता के खिलाफ है। आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा जोर पकड़ेगा और लालू और राजद के लिए मुसीबत खड़ी करेगा।

 

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(मनोज कुमार अग्रवाल-विनायक फीचर्स)

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