अंगद रावण संवाद ने दर्शकों का मन मोह लिया ,ठंड के बावजूद दर्शकों की उमड़ रही है भीड़ ।

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कविता रावल गंगोलीहाट
श्री महाकाली दरबार रामलीला कमेटी एवं सांस्कृतिक मंच के निर्देशन में पात्रों ने 10वें दिन अपने अभिनय से दर्शकों को बांधे रखा। बीते दिवस लीला में मंदोदरी-रावण, रावण-विभीषण, राम द्वारा समुद्र पर क्रोध करने , अंगद रावण संवाद का जीवंत अभिनय किया गया जिसे देखने के लिए ठंड में देर रात्रि तक दर्शक जुटे रहे। मंचन में दिखाया गया कि श्रीराम अंगद को रावण के पास समझाने भेजते हैं। अंगद रावण के दरबार में जाकर रावण को अपना परिचय देते हुए कहते हैं कि तुम प्रभु श्रीराम से वैर मोल मत लो और माता सीता को वापस पहुंचा दो इसी में तुम्हारी भलाई है। अंगद कहते हैं कि तुम राम से क्या जीतोगे। अगर तुम्हारा कोई भी बलशाली योद्धा मेरा पैर हिला दे तो मैं हार स्वीकार कर लूंगा। जब सभी योद्धाओं के फेल होने पर अंगद रावण का पैर हिलाने पहुंचते हैं। तो अंगद कहते हैं सेवक के नहीं श्रीराम के पैर पकड़ो। वह तुम्हें माफ कर देंगे। ऐसी मार्मिक लीला देख दर्शक हर्षित हो उठते हैं। पंकज उप्रेती ने अंगद, आशु उप्रेती ने रावण, कैलाश सिंह ने विभीषण, कमलेश उप्रेती ने मंदोदरी की भूमिका निभाई। यहां समिति अध्यक्ष हेमराज रावल, उपाध्यक्ष विजय शाह, कोषाध्यक्ष नरेंद्र रावल जे ई , सचिव गजेंद्र रावल , भाजपा नेता बसंत लाल साह संरक्षक किशन उप्रेती ,राजेंद्र सिंह रावल , प्रेम सिंह रावल,ललित पाठक , शंकर लाल चौधरी , नैन सिंह रावल, हरगोविंद रावल,मोहन सिंह रावल, आनंद उप्रेती ,सुरेंद्र बिष्ट , पी एल साह , धीरेन्द्र बिष्ट ,भगवत रावल, सागर रावल , जीवन नेगी , भूपेश पंत , मुकेश रावल, कमल रावल , मौजूद रहे।

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