हल्द्वानी
बागजाला आंदोलन की बड़ी जीत, जल संस्थान ने आंदोलन के दबाव में बागजाला की क्षतिग्रस्त सड़कों के निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी को 13.31 लाख जारी किए
• इस जीत की बधाई देने के लिए किसान महासभा बागजाला कमेटी का नागरिक अभिनंदन किया गया
• यह बागजाला आंदोलन की जीत की ओर पहला कदम, आगे की लड़ाई जारी रहेगी
• बागजाला के अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन का पांचवां दिन
अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला के अक्टूबर 2024 से लगातार चल रहे आंदोलन को बड़ी जीत हासिल हुई है। लगातार जन आंदोलन, जन दबाव, ज्ञापन, मांग पत्रों के बाद जल जीवन मिशन योजना के लिए खोदी गई सड़क के पुनर्निमाण के लिए जल संस्थान ने बागजाला की सड़कों के पुनर्निमाण के लिए पीडब्ल्यूडी को 13.31 लाख रुपए जारी किए गए हैं, जिसकी प्रतिलिपि किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष को भेजी गई है। सितंबर माह में सड़क निर्माण का वादा जल संस्थान और पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा किया गया है, यह बागजाला आंदोलन की जीत की ओर पहला कदम है, यह और भी बड़ी जीतों के लिए आधार का काम करेगा। सड़कों के लिए प्रस्ताव 49.65 लाख का भेजा गया था लेकिन उसके बरक्स 13.31 लाख रुपए ही जारी हुए हैं पूरे फंड के लिए जन आंदोलन जारी रहेगा, साथ ही तय समय पर सड़क निर्माण शुरू नहीं किया गया तो उसके लिए भी आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इस जीत के लिए बागजाला के ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन के पांचवें दिन धरना स्थल पर किसान महासभा बागजाला कमेटी को बधाई देते हुए पुष्प गुच्छ भेंट कर नागरिक अभिनंदन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता और किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने की।
आठ सूत्रीय मांगों – भूमि के मालिकाना अधिकार, मानसून सत्र में राजस्व गांव का प्रस्ताव पारित करने, जनता की पेयजल, सड़क, विकास कार्यों और निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटाने, जल जीवन मिशन योजना को शुरू करने, पंचायत प्रतिनिधि चुनने के अधिकार को बहाल करने, बागजाला गांव समेत सभी वन भूमि, नजूल भूमि पर बसे सभी लोगों को मालिकाना अधिकार देने जैसी मूलभूत नागरिक सुविधाओं की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना पांचवें दिन भी जारी रहा।
किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी ने कहा कि, बागजाला के मूलभूत अधिकारों के लिए लड़ते हुए जिस तरह से सड़क निर्माण के लिए 13.31 लाख रुपए स्वीकृत करने लिए जल संस्थान और पीडब्ल्यूडी को जनता ने बाध्य किया है यह बागजाला आंदोलन की बड़ी जीत है। इसने एक बार फिर साबित किया है कि बिना लड़े ये सरकारें जनता की आवाज सुनने को तैयार नहीं होती। हम जनता की इस जीत का स्वागत करते हैं, और सरकार से मांग करते हैं कि बागजाला की सभी समस्याओं का समाधान करे अन्यथा भाजपा सरकार को यहां की जनता के एकताबद्ध आंदोलन को झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए।
किसान महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष बहादुर सिंह जंगी ने कहा कि, जनता की एकता की ताकत ही सर्वोपरि है, इसके बल पर किए जाने वाले संघर्ष से ही सरकारें झुका करती हैं। इस समय देश और राज्य में भाजपा की सरकारें गरीबों, मजदूरों, किसानों को तबाह करने और अम्बानी अडानी की तिजोरियों को भरने में लगी हैं। आम जनता के हित से उनको कोई लेना देना नहीं है, इसलिए जन एकता पर आंदोलन ही एकमात्र रास्ता है। आज के दिन बागजाला की जनता ने इसको एक बार फिर से साबित कर दिया है।
धरने का समर्थन करने बिंदुखत्ता कार रोड व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रभात पाल, सुल्तानगरी के मोहन सिंह बिष्ट, बची सिंह कपकोटी भी धरना स्थल पर पहुंचे। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के राष्ट्रीय नेता प्रेम सिंह गहलावत का बागजाला आंदोलन के समर्थन में भेजा गया पत्र धरना स्थल पर पढ़ा गया। अनिश्चितकालीन धरने के पांचवें दिन मुख्य रूप से किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनन्द सिंह नेगी, भाकपा माले नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय, किसान महासभा बागजाला कमेटी की उपाध्यक्ष विमला देवी, सचिव वेद प्रकाश, प्रेम सिंह नयाल, कोषाध्यक्ष मीना भट्ट, उप सविव दीवान सिंह बर्गली, हेमा देवी, परवेज अंसारी, चन्दन सिंह मटियाली, सलीम अंसारी, हरक सिंह बिष्ट, हनीफ, दौलत सिंह कुंजवाल, अनीता अन्ना, दीपिका तिवारी, धनी राम आर्य, महेंद्र सिंह, विमला पांडे, पार्वती, हेमा, नन्दी, गोपाल राम, धनी लाल, ऊषा वर्मा, मुन्नी देवी, तुलसी, रियासत, रईस, जमील सिद्दकी, नीलम आर्य, पुष्पा, नारायण राम, दीपा, मधु बिष्ट, रेनू, लीला, दुर्गा देवी, मीना, हेमा बर्गली, रामकली, कौशल्या, श्याम सिंह, सुषमा, विमला, राजेन्द्र प्रसाद, सलमा, नजमा, ललित कुमार, आदि समेत बड़ी संख्या में बागजाला गांव के ग्रामीण शामिल रहे। धरना जारी रहेगा।
वेद प्रकाश,
सचिव,
अखिल भारतीय किसान महासभा,
बागजाला कमेटी










लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें