हल्दूचौड़(नैनीताल)
हर पल नाम सुमिरन व भक्ति करना ही जीवन का मूल उद्देश्य होना चाहिए। सांसारिक कार्य करने के बाद पश्चाताप हो सकता है, परन्तु ईश्वरीय भक्ति, साधना, ध्यान, परोपकार के पश्चात् पश्चाताप का कोई स्थान नही वरन् आनन्द ही आनन्द है। आत्म संतोष की अनुभूति भागवत कथा के श्रवण से प्राप्त होती है।
उक्त उद् गार क्षेत्र प्रसिद्ध कथा वाचक पण्डित मनोज कृष्ण जोशी ने यहाँ बच्ची धर्मा दुम्का बंगर के भूमिया मन्दिर में आयोजित कथा के विराम दिवस से पूर्व श्रद्वालुओं के आपार जनसमूह को सम्बोधित करते हुए प्रकट किये। कथा पूर्ण भक्तिमयी एवं आध्यात्मिक भक्ति रस के वातावरण मे ब्यास श्री जोशी ने कहा कि अमृत से मीठा श्री कृष्ण का नाम है,सत्यता के मार्ग पर चलकर ही परमात्मा की प्राप्ति होती है, उन्होंने कहा मन-बुद्धि, इन्द्रियों की वासना को यदि समाप्त करना चाहते हो तो हृदय में परमात्मा की भक्ति की ज्योति को जलाना पड़ेगा।
श्री जोशी ने कथा में विभिन्न प्रसंगो का वर्णन किया। उन्होनें अपनी सुधामयवाणी की धार से भक्त सुदामा की भक्ति एंव सखा धर्म का महत्व एवं श्री कृष्ण का द्वारिका मे परम स्नेही के साथ मिलन, प्रसंगो को बहुत ही सुन्दर ढ़ग के साथ सुनाया कथा के दौरान श्री राधा व श्री कृष्ण के भक्तिमयी भजनों की प्रस्तुति से पांडाल मे उपस्थित भक्त गण झूम उठे तथा दोनों हाथ ऊपर उठा कर श्री कृष्ण भजनों पर झुमते हुए कथा एवं भजनों का आनन्द लिया।
उन्होंने ने आगे कहा कि श्रीमद्भागवत महान् ज्ञान यज्ञ है। यह मानवीय जीवन को भक्तिमय बना देता है। भगवान् कृष्णकी अद्भूत लीलाओं का वर्णन इसमें समाहित है। भव-सागर से पार पाने के लिये श्रीमद्भागवत कथा एक सुन्दर महासेतु है। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से जीवन धन्य-धन्य हो जाता है इस अलौकिक रस का पान करने से जीवन धन्य-धन्य कृत कृत हो जाता है इसलिये अधिक से अधिक श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण निरंतर करते रहना चाहिये। जितनी ज्यादा कथा सुनेंगे उतना ही जीवन सुधरेगा व परम उद्वार होगा।
इस अवसर पर प्रसिद्ध समाज सेवी हेमवती नन्दन दुर्गापाल लोकप्रिय भाजपा नेता दीपेन्द्र कोश्यारी ग्राम प्रधान हरेन्द्र असगोला बाबी सम्बल रोहन चौधरी ने भी कथा का श्रवण कर आनन्द लिया खीमानन्द फुलारा उमेश फुलारा नवीन सती सहित सैकड़ों भक्त व सैकड़ों की संख्या मातृ शक्तियों ने बड़े ही मनोभाव से कथा का श्रवण किया
भूमिया मन्दिर समिति के अध्यक्ष वंशीधर भट्ट उपाध्यक्ष शेखर भट्ट गोपाल भट्ट कोषाध्यक्ष पियूष भट्ट सचिव पंकज भट्ट ललित धारियाल जगदीश भट्ट हेम जोशी कमल भण्डारी धीरज जोशी विनोद काण्डपाल धीरज फुलारा मुख्य यजमान ललित भट्ट गणेश जोशी शेखर भट्ट राजू सलवासी मनोज सलवासी रमेश धारियाल प्रकाश धारियाल केदार दत्त जोशी व्यवस्थापक प्रकाश भट्ट नवीन काण्डपाल गणेश जोशी ने सभी भक्तों का स्वागत कर आभार व्यक्त किया .
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