ज्यादा लोभ होने से पतन निश्चित होता है। :आचार्य-पंo बंसन्त बल्लभ पांडे।

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हल्दूचौड़। रिम्पी बिष्ट
मनुष्य के जीवन में कई इच्छाएं होती हैं। हर इच्छा को पूरा कर पाना संभव नहीं होता। ऐसे में मनुष्य को अपने मन में संतोष (संतुष्टि) रखना बहुत जरूरी होता है ! असंतोष की वजह से मन में जलन, लालच जैसी भावनाएं जन्म लेने लगती हैं। जिनकी वजह से मनुष्य गलत काम तक करने को तैयार हो जाता है ! सुखी जीवन के लिए इन भावनाओं से दूर रहना बहुत आवश्यक होता है। इसलिए, मनुष्य को हमेशा अपने मन में संतोष रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्यादा लोभ होने से पतन निश्चित होता है।
उक्त बातें आज डूंगरपुर पंचायत घर हल्दूचौड़ स्तिथ प्राचीन शिव मंदिर में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन कथा वाचक- श्रध्येय आचार्य बंसन्त बल्लभ पांडे ने कही।। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में दान का बहुत ही महत्व है। दान करने से पुण्य मिलता है। दान करने पर ग्रहों के दोषों का भी नाश होता है ! कई बार मनुष्य को उसकी ग्रह दशाओं की वजह से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है! दान देकर या अन्य पुण्य कर्म करके ग्रह दोषों का निवारण किया जा सकता है। मनुष्य को अपने जीवन में हमेशा ही दान कर्म करते रहना चाहिए।
इस दौरान उन्होंने भक्त प्रहलाद, नरसिंह अवतार, बामन अवतार, राजा बलि व श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई।
इस अवसर पर आयोजक पार्वती जोशी, हेमा भट्ट, देवेंद्र भट्ट व मोहन चंदोला सहित तमाम श्रद्धालु लोग उपस्तिथ थे।

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