पंखुड़ियाँ के 3 दिवसीय निःशुल्क जूडो कराटे प्रशिक्षण शिविर में लड़कियों ने आत्म रक्षा के टिप्स सीखे।
हल्दूचौड़।
जूडो-कराटे का नाम सुनते है सबसे पहली बात मन में आती है वह है आत्मरक्षा। क्योंकि यह आत्मरक्षा की ही एक विधा है जिसमें सांस पर नियंत्रण, अनुशासन तथा एकाग्रता द्वारा स्टूडेंट्स को दांव-पेंच स्टाइल तथा आघात पहुंचाने की कला सिखाई जाती है।
उपरोक्त बातें नारायणपुरम कॉलोनी बमेटाबंगर केशव में पंखुड़ियाँ सांस्कृतिक पर्यावरण एवं दिव्यांग कल्याण समिति द्वारा युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए चल रही 3 दिवसीय निःशुल्क जूडो कराटे प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक उदयवीर सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि, जूडो-कराटे सीखकर न सिर्फ आत्मरक्षा की जा सकती है, बल्कि इसे करियर विकल्प भी चुना जा सकता है। इस विधा में प्रशिक्षितों को सेना, अर्धसैनिक बलों, पुलिस बल तथा सुरक्षा एजेंसियों में रोजगार में प्राथमिकता मिलती है। अपराधियों से दो-दो हाथ करने के लिए यह कारगर विधा है।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में युवाओं और बालिकाओं के लिए अवसर ही अवसर हैं।
इस अवसर पर संस्था अध्यक्ष रिम्पी बिष्ट ने बताया पंखुड़ियाँ संस्था हर वर्ष इस तरह के कार्यक्रमो के माध्यम से युवाओं को सही दिशा देकर उनका भविष्य उज्ज्वल बनाने का प्रयास करती हैं।
यहां कार्यक्रम संरक्षक निवर्तमान ग्राम प्रधान हरेंद्र असगोला, कार्यक्रम संयोजक मेघा त्रिपाठी व संगठन मंत्री डॉली अग्रवाल, पूजा असगोला व प्रशिक्षक सिद्धार्थ सिंह सहित उपस्तिथ थे।



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