सनातन धर्म के महान् संत थे देवराहा बाबा, लोक कल्याण ही बाबा का धर्म था: सत्य साधक जी

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देवभूमि भारत का आध्यात्मिक वैभव बड़ा ही विराट है यहाँ की धरती अपने आध्यात्मिक आभा के कारण ही पूजनीय है यहाँ की पावन धरा पर संत महापुरुष ही नही बल्कि भगवान भी अवतार लेकर अपने जीवन को धन्य समझते है
सनातन धर्म में जब जब सत्य व धर्म की रक्षा के लिए संतों के योगदान की चर्चा होती रहेगी, तब तब महान् युग पुरुष तपोनिष्ठ आध्यात्मिक जगत के अलौकिक महापुरुष देवराहा बाबा का परम श्रद्वा के साथ स्मरण किया जाता रहेगा। और इनका स्मरण भक्तों में आध्यात्मिक ऊर्जा का नया संचार करेगा। उत्तर प्रदेश के देवरियां जिले में स्थित देवराहा बाबा जी की तपोभूमि में पहुंचकर श्रद्वालुजन जब बाबा के श्रीचरणों में अपने आराधना के श्रद्वा पुष्प अर्पित करेंगे तब सहज में ही याद आऐगे बाबा जी , उनका निर्मल, निष्ठामय, कर्तव्यमय, सादगी भरा जीवन, क्षमा, व दया की प्रतिमूर्ति, मर्यादा के महान् रक्षक, महान् गौ भक्त, एक आत्मनिष्ठ, निष्काम कर्मयोगी, आध्यात्म जगत की जितनी भी उपमाएं है वे सब उनमें बरबस झलकती थी, लोग उनसे मिलकर अपने सौभाग्य की सराहना करते थें, उनका दर्शन उनकी वाणी जीवन के कई अनसुलझी गुत्थियों को बरबस ही सुलझा देती थी। जो सच्चे हदय से उनके निकट आकर उनका आर्षीर्वाद प्राप्त करता था, वह ज्ञान की नई अनुभूतियां पाकर अपने जीवन को धन्य समझता था आज भी लोग यहाँ पहुंचकर आध्यात्म की अलौकिक चेतना का अहसास करते है उनके कई निकटतम शिष्य बतलाते है, पूज्य गुरुदेव जी की कृपा का वर्णन शब्दों में नही किया जा सकता है, उनकी कृपा निष्कंटक जीवन यात्रा के लिए बहुत बड़ा वरदान है महापुरुष जिस सच्चाई को लेकर चलते है, वो तीनों कालों तक रहने वाली सच्चाई है, उसका कभी अन्त नही होता देवराहा बाबा जी भी ऐसी ही सच्चाई के साथ थे आत्मा की अमरता व शरीर की नश्वरता से वे अपने भक्तों को सजग कर सदैव कर्तव्य पथ पर चलने की प्ररेणा दिया करते थे, आजीवन प्रभु श्री रामचन्द्र जी की आराधना एवं भक्ति में तल्लीन रहकर उन्होनें सनातन धर्म की जो सेवा की उसे शब्दों में नही समेटा जा सकता है । उन्होने सन्तों की महिमा को जो ऊंचाई प्रदान की उसका बखान भी शब्दों में नही किया जा सकता है, वेद व वेद से भी परे आत्मा की विराटता उपनिषदों, शास्त्रों, वेदों पुराणों, गीता, महाभारत दर्शन शास्त्र तथा अनेकों धर्म ग्रन्थों में निहित दिव्य ज्ञान के भीतर छिपे तत्वमय रहस्यों से दुनिया को नाम का सार बतलाकर मानवता को सही अर्थों में परिभाषित किया और मानवीय मूल्यों के संरक्षण में अविस्मरणीय योगदान दिया। यही कारण था कि देश विदेश के लाखों श्रद्वालु उन्हें आज भी अपना गुरु मानते है
देवरहा बाबा महान् कर्मयोगी थे इनकी उम्र के बारे में भी स्पष्ट जानकारी नही है माना जाता है कि बाबा जी पाँच सौ से भी अधिक वर्ष तक इस भूधरा पर रहे
जून 1990 में अपने नश्वर देह का परित्याग करने वाले देवराहा बाबा की लोक कल्याणकारी परम शक्तियाँ आज भी उनके भक्तों का सबसे बड़ा भरोसा है उनकी शक्तियों के किस्से आज भी आम जनमानस में काफी प्रसिद्ध है
इनके दर्शनों को आनें वाले भक्तों के हृदय की बात व उनकी समस्याओं का समाधान बाबा सहज में कर दिया करते थे इनके दरबार में आशीर्वाद लेने के लिए नेता, अभिनेता उद्योग जगत की बड़ी बड़ी हस्तियां फिल्मी दुनियाँ के प्रसिद्ध सितारे और बड़े-बड़े अधिकारी आते थे। कहा तो यहाँ तक जाता है कि देवरहा को शब्दो का अद्भूत ज्ञान था जिसके बल पर वे जानवरों पशु पक्षियों की भाषा को समझकर उनकी पीड़ा का भी निदान किया करते थे देश की प्रधानमन्त्री रही स्व० श्रीमती इन्द्रिरा गांधी भी इनकी परम भक्त थी और राजनिति की महान् ऊचाइयों में उन्होंने जो प्रतिष्ठा प्राप्त की उसके पिछे देवराहा बाबा की ही कृपा मानी जाती है

पर्यावरण के प्रति देवराहा बाबा जी के हृदय में अपार श्रद्वा थी
चार खंभों पर टिका मचान ही उनका दिव्य भवन था, जो आज भी देवराहा बाबा के यादों की धरोहर है इसी मचान के नीचे से ही लोग उनके दर्शन कर अपना जीवन धन्य करते थे। देवरिया जिले के मइल गांव में उनका बसेरा था देश के महान विभूतियां जिनमें अटल बिहारी बाजपेई डाक्टर राजेंद्र प्रसाद, मदनमोहन मालवीय, मुलायम सिंह यादव जैसे तमाम हस्तियां उनके आशीर्वाद को ब्याकुल रहते थे और उनके दर्शन को आते- जाते रहते थे हालांकि बाबाजी सशरीर आज हमारे बीच में नहीं है लेकिन दिव्य रूप से उनका बसेरा सदैव भक्तों के हृदय में रहता है जो भी सच्चे मन से उनका स्मरण करता है उसके समस्त संतापों का हरण हो जाता है
माँ बगलामुखी के परम उपासक सत्य साधक श्री विजेंद्र पांडे गुरु जी ने बीते दिनों इस पावन स्थल के दर्शन करके यहां की महिमा से अवगत कराया तथा कहा कि इस तरह के संत युगों – युगों में धरती पर अवतरित होते हैं उनकी कृपा से ज्ञान का प्रकाश संसार में प्रकाशित होता है उन्होंने बताया कि बाबा की पावन स्थली बड़ी ही सुंदर व मनोहर है यदि इस स्थान को निष्ठा पूर्वक तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाए तो यह स्थान भारत भूमि के महान संत की पावन स्थल के रूप में देश व दुनिया में ख्याति अर्जित करेगी

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