आगामी पंचायत चुनावों में मुख्य मुद्दा होगा सन्तुलित विकास एवं सेवा भाव : गीता पाण्डे

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+ सामान्य सीट आने पर इस बार ग्रामसभा जयपुर खीमा से प्रधान का चुनाव लड़ेंगी सेवा निवृत्त स्वास्थ्य पर्यवेक्षक श्रीमती गीता पाण्डे
+ मानी जा रही हैं ग्रामसभा वासियों की एकमात्र पसन्द
+ 35 वर्षों के सेवाकाल में दिन – रात समर्पण भाव से ग्रामीण महिलाओं की निःस्वार्थ सेवा करने के लिए जानी जाती हैं श्रीमती पाण्डे
+ रिटायरमेंट के दस साल बाद भी क्षेत्रभर में गर्भवती तथा प्रसूता महिलाओं की मदद को लगातार रहती हैं तत्पर
+ अपने घर – परिवार के काम छोड़कर भी पहली सूचना पर पहुंच जाती हैं जरूरतमंदों के घर
+ ग्रामसभा वासियों की इच्छा का सम्मान कर चुनाव तैयारियों में जुट गयी है गीता पाण्डे
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मोटाहल्दू ( नैनीताल ), उत्तराखण्ड में आगामी पंचायत चुनावों में हर बार की तरह इस बार भी ग्रामीण जनता की जरूरतों और समस्याओं से जुड़े अनेकानेक मुद्दे सामने आयेंगे, परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों का सन्तुलित विकास एवं सम्भावित पंचायत प्रतिनिधियों का सेवा भाव सबसे मुख्य मुद्दा रहेगा।यह बात आज यहाँ आगामी पंचायत चुनावों में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटी श्रीमती गीता पाण्डे ने कही।
मोटाहल्दू क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम सभा जयपुर खीमा के ग्राम भगवानपुर- दुर्गादत्त निवासी श्रीमती गीता पाण्डे ने यह बात अपने आवास पर ” शैल शक्ति ” समाचार पोर्टल से बातचीत करते हुए कही।
सेवानिवृत्त स्वास्थ्य पर्यवेक्षक श्रीमती गीता पाण्डे ने कहा कि 35 वर्षों की सरकारी सेवा में रहकर उन्होंने ग्रामीण अंचलों में गर्भवती महिलाओं, प्रसूता महिलाओं एवं जच्चा-बच्चा की सेवा में सत्य निष्ठा एवं समर्पण भाव के साथ अपने कर्तव्यों को निभाने में कोई कमी नहीं छोड़ी । यही कारण है कि रिटायरमेंट के दस साल बाद भी हल्दूचौड़, मोटाहल्दू, मोती नगर से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में लोग उन्हें महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा के निमित्त बुलाते हैं। खासतौर से गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य परामर्श देन और प्रशवकाल में मदद के लिए आज भी क्षेत्रभर की महिलाएं उन पर भरोसा रखती हैं।
श्रीमती गीता पाण्डे धर्मपत्नी श्री गंगा दत्त पाण्डे ने कहा कि आगामी पंचायत चुनावों में ग्रामसभा जयपुर खीमा से प्रधान के लिए यदि सामान्य सीट आयी तो वह सम्पूर्ण मनोभाव एवं सेवा संकल्प के साथ चुनाव में उतरेंगी । उन्होंने कहा कि लम्बे समय से ग्रामसभा की ज्यादातर परिवार खासकर महिलाएं चुनाव लड़ने के लिए उनसे अनुरोध करती आ रही हैं। पिछले चुनावों में भी महिलाओं द्वारा उनसे बार-बार कहा गया ।
श्रीमती गीता पाण्डे ने कहा कि ग्रामसभा के हाल के कुछ चुनावों में ग्राम प्रधानों की मनमानी, लापरवाही, भेदभाव की नीति, जरूरतमंदों, गरीबों तथा पात्र लोगों की घोर अनदेखी जैसी स्थितियों को देखते हुए वह अक्सर विचलित सी रही हैं। इसीलिए किसी भी प्रकार के भेदभाव के वगैर ग्रामसभा अन्तर्गत प्रत्येक गावों का सन्तुलित विकास करने तथा जरूरतमंदों व पात्र लोगों के साथ न्याय करने के लिए इस बार चुनाव लड़ने का उन्होंने निश्चय किया है। श्रीमती गीता पाण्डे ने कहा कि जनप्रतिनिधि को अपनी जनता के प्रति जबाब देह तो होना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि जिनके मन और दिमांग में जनसेवा का कोई भाव कभी नहीं देखा गया, ऐसे लोगों को अब जागरूक जनता बार-बार मौका देने के मूड में नहीं है।
उन्होंने कहा कि ग्रामसभा जयपुर खीमा अन्तर्गत ग्राम जयपुर खीमा , भगवानपुर – दुर्गादत, धनपुर, तुलारामपुर व बच्चीपुर गॉव की जनता विशेषरूप से महिलाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए उन्होंने पूरे सेवाभाव के साथ चुनाव का मन बनाया है और इस हेतु बाकायदा अपना जन सम्पर्क भी शुरू कर दिया है।
श्रीमती गीता पाण्डे ने कहा कि जन-प्रतिनिधियों की स्वार्थपूर्ण तथा भेदभावपूर्ण नीतियों के चलते लम्बे समय से ग्रामीण जनता परेशान रही है। विकास कार्यों का लाभ अपने ही कुछ चन्द परिवारों को दिलाना ही इन लोगों की एकमात्र उपलब्धि मानी जा सकती है।
बताते चलें कि सेवानिवृत्त स्वास्थ्य पर्यवेक्षक श्रीमती गीता पाण्डे आने वाले पंचायत चुनावों में अपनी ग्रामसभा से ग्राम प्रधान की सबसे प्रबल दावेदार और सभी की पहली व एकमात्र पसन्द मानी जा रही है। उन्होंने 8 मई वर्ष 1980 में बतौर ए एन एम अपनी सेवाएं शुरू की । भाभर क्षेत्र के अनेकानेक ग्रामीण अंचलों में अपनी शानदार सेवाएं समर्पित करते हुए वह 30 अगस्त 2015 को मोटाहल्दू स्वास्थ्य केन्द्र से स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद से सेवा निवृत्त हो गयी । अपने 35 वर्षों के सेवाकाल में श्रीमती गीता पाण्डे ने परिवार की परवाह किये बगैर ग्रामीणों की सेवा की।
गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए उन्होंने जाड़ा, गर्मी, बरसात यानी हर मौसम में लोगों के काम निभाए । निःस्वार्थ व कर्तव्यनिष्ठ सेवा भाव के चलते ही समूचे क्षेत्र में उनको विशेष आदरभाव के साथ देखा जाता रहा है। सरकारी ड्यूटी से छुट्टी के बाद या सुबह ड्यूटी से पहले या फिर अवकाश के दिनों में भी आस-पास क्षेत्रों में सूचना मात्र से वह प्रशव सेवा के लिए उपस्थित हो जाती थी । आज भी वह पहले की तरह किसी भी वक्त मदद की सूचना पर तत्काल उपस्थित हो कर अपनी सेवाएं देती हैं।
यद्यपि इस तरह की कार्यशैली के चलते अक्सर परिवार के कई महत्वपूर्ण कार्य छोड़ने से परिवारी जनों के लिए समस्याएँ भी खड़ी होती रही, परन्तु परिवार के सभी लोगों द्वारा हमेशा ही श्रीमती गीता पाण्डे को सहयोग, समर्थन व प्रोत्साहन मिलता रहा । यही कारण है कि आज उनकी क्षेत्रभर में एक अलग ही पहचान है।

शैल शक्ति से बातचीत के दौरान
श्रीमती गीता पाण्डे के आवास पर मौजूद क्षेत्र की कई महिलाओं ने बताया कि गीता दीदी ने अपनी सम्पूर्ण सेवा अवधि में जहाँ अपने विभागीय जिम्मेवारियों का पूरी निष्ठा, समर्पण व सेवाभाव के साथ ईमानदारी पूर्वक निर्वहन किया, वहीं हजारों-हजार महिलाओं को प्रशवकाल में अपनी सराहनीय सेवाएं प्रदान की। सरकारी ड्यूटी के अलावा भी घर-घर और गॉव-गॉव जाकर गर्भवती तथा प्रसूता महिलाओं को हर सम्भव मदद व राहत प्रदान की। ऐसी महिलाओं तथा उनके परिवारों की सेवा के लिए श्रीमती गीता पाण्डे ने न कभी दिन देखा न रात । अर्थात गावों में जहाँ कहीं भी, जिस वक्त भी और जिस किसी महिला को उनकी जरूरत महसूस हुई, वह सूचना मात्र पर उनके घर पहुंचकर मदद को पहुंच जाया करती थी। गर्भावस्था के दौरान जरूरी टीकाकरण हो, देखभाल व सावधानी के विषय हों, प्रशवपूर्व की कोई समस्या हो या फिर सुरक्षित प्रशव कराना, सभी मौकों पर श्रीमती गीता पाण्डे ने अपने घर – परिवार के काम छोड़कर भी ऐसी हजारों महिलाओं को निःस्वार्थ भाव से राहत प्रदान की । निःसन्देह यही वजह भी है कि मोटाहल्दू व हल्दूचौड़ क्षेत्र के अलावा समूचे भाभर क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में उनकी अपनी अलग ही पहचान है।
मौजूद महिलाओ ने कहा कि अत्यन्त मृदुभाषी व सरल स्वभाव की धनी श्रीमती गीता पाण्डे रिटायरमेंट होने के बाद भी बीते दस सालों से लगातार क्षेत्रभर के ग्रामीण इलाकों में अपनी निःस्वार्थ सेवा के लिए बहुत लोकप्रिय और सम्मानित महिला हैं। ग्रामीण महिलाओं का उनके प्रति सम्मान व आदर का भाव हर तरफ देखा जा सकता है। इस पर श्रीमती गीता पाण्डे ने कहा कि भगवान जब भी और जहाँ भी सेवा का अवसर देते हैं, यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। ईश्वरीय कृपा से ही वह इस उम्र में भी लोगों की मदद कर पा रही हैं।
वास्तव में सेवा निवृत्त स्वास्थ्य पर्यवेक्षक श्रीमती गीता पाण्डे का सम्पूर्ण जीवन त्याग, सेवा तथा समर्पण का पर्याय रहा है। मानवता की ऐसी अद्भुत मिशाल श्रीमती पाण्डे सचमुच समाज के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा का स्रोत हैं। यदि ग्रामसभा की जनता आने वाले पंचायत चुनावों में उनको अपना प्रधान चुनती है तो ग्रामसभा को उनके अनुभव, समर्पण व सेवा भाव का अवश्य ही लाभ मिल सकते हैं।
मदन जलाल मधुकर

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