दो दशक से प्रस्तावित मोटर पुल न बन पाने से जवाब देने लगा है जनता  का धैर्य

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*  बन रही है निर्णायक आन्दोलन की रणनीति
.*  पुल निर्माण से होगा सिडकुल पन्त नगर व सिडकुल  सितारगंज का सीधा.जुड़ाव
* विकास व रोजगार के खुलेंगे नये रास्ते
*  ढौरा जलाशय के आस- पास पर्यंटन की बड़ी सम्भावनाएं मौजूद

*किच्छा( उधमसिंह नगर ), जनपद के किच्छा तहसील अन्तर्गत स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का क्षेत्र दो दशक से लगातार की जा रही मांग के बावजूद आज तक एक अदद मोटर पुल से वंचित है। बार – बार के आश्वासनों से परेशान क्षेत्रवासियों का धैर्य अब जबाब देने लगा है और दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों द्वारा अब एक बड़े आन्दोलन की रणनीति बनाये जाने की खबर सामने आ रही है।

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उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के क्षेत्र- शान्तिपुरी नं 4 व शानिपुरी नं  5 को गौला नदी में मोटर पुल के जरिये आपस में जोड़ने के लिए लगभग दो दशक पूर्व  क्षेत्रवासियों द्वारा सरकार को प्ररताव दिया गया था। समय-समय पर मोटर पुल की मांग उठाये जाते रहने के बाद अन्ततः वर्ष 2012 में तत्कालीन खण्ड़ूरी सरकार द्वारा गौला नदी पर न केवल मोटर पुल निर्माण के लिए सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी थी अपितु सम्बन्धित विभाग को आवश्यक कार्यवाही का आदेश भी दिया गया था। आदेश के अनुपालन मे विभाग द्वारा 22 करोड़ की लागत वाले लगभग  450  मीटर लम्बे डबल आर सी सी  पुल निर्माण की बाकायदा डी पी आर तैयार की गयी थी, परन्तु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। बाद की सरकारों द्वारा सब कुछ ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
विकास व रोजगार सृजन की दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण क्षेत्र की लगातार उपेक्षा से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है।

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यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शानितपुरी नं 4 व 5 के बीच गौला नदी पर मोटर पुल बनने से सिडकुल पन्तनगर व सिडकुल सितारगंज सीधे- सीधे जुड़ जायेंगे, जिससे दोनों ही औद्योगिक क्षेत्रों को रफ्तार मिलेगी और विकास तथा रोजगार के ऩये अवसर भी बनेंगे।
विदित रंहे कि विशाल ढौरा जलाशय भी शान्तिपुरी नं 5 में सूर्य नगर गांव से लगा हुआ है। जलाशय के आस पास पर्यटन विकास की बड़़ी सम्भावनाएं मौजूद हैं। इतना ही नहीं इस क्षेत्र में पुल बन जाने पर लालकुआं, ‘विन्दुखत्ता, पन्त नगर जैसे बड़े क्षेत्र शक्ति फार्म, सितार गंज,खटीमा व टनकपुर से सीधे जुड़ जायेंगे। दूरी कम हो जाने से व्यापारिक गतिविधियों में भारी बढ़ोत्तरी होगी।
कुल मिलाकर राज्य की धामी सरकार इस ओर यदि जरा भी ध्यान दे तो यहाँ से विकास व रोजगार के अनेक रास्ते खुलेंगे और राज्य के विकास को भी पंख लगेंगे।

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