हल्द्वानी/फतेहपुर रामड़ी छोटी।
भारतीय संस्कारों, पारिवारिक भावनाओं और वैदिक परंपराओं से ओत-प्रोत एक भव्य किन्तु सादगीपूर्ण वैवाहिक समारोह में चिरंजीवी दीपक (पुत्र – श्रीमती अनिता भट्ट एवं श्री गोविन्द गोपाल भट्ट, निवासी – फतेहपुर रामड़ी छोटी, हल्द्वानी) का विवाह आयुष्मती हर्षिता (पुत्री – श्रीमती लता पाठक एवं श्री देवकी नन्दन पाठक, निवासी – गोरापड़ाव हैड़ा गज्जर) के साथ मंगलमय वातावरण में सम्पन्न हुआ।
पूर्ण वैदिक विधि-विधान, परम्परागत मंत्रोच्चार, अग्नि-साक्ष्य और सप्तपदी के पावन संकल्पों के साथ सम्पन्न इस पवित्र संस्कार में परिवारजनों, स्नेहीजनों एवं ईष्ट मित्रों ने नवविवाहित दंपति को आशीर्वाद प्रदान कर उनके उज्ज्वल, सुखी और समृद्ध गृहस्थ जीवन की कामना की।
वैदिक परंपरा एवं लोक-संस्कृति का अनूठा संगम
सम्पूर्ण विवाह समारोह में उत्तराखंड की मधुर लोक-संस्कृति, मंगल गीत, पारंपरिक वाद्य-ध्वनियाँ और सादगी की छाप स्पष्ट रूप से दिखाई दी।
वर-वधु प्रवेश से लेकर पारंपरिक रस्मों तक हर घटक भारतीय वैदिक परंपराओं की गरिमा और मर्यादा का प्रत्यक्ष प्रतीक बना।
महिलाओं द्वारा गाए गए मांगलिक गीतों, लोक नृत्य और स्वस्तिवाचन ने कार्यक्रम को आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण बनाया।
🙏 अनुज भ्राता एवं प्रसिद्ध भागवताचार्य कपिल देव जी महाराज का संदेश
विशिष्ट अतिथियों एवं आगंतुकों का स्वागत करते हुए कथावाचक श्री कपिल देव जी महाराज ने कहा—
> “विवाह केवल सामाजिक संबंध नहीं, बल्कि दो आत्माओं का पवित्र मिलन और दो परिवारों का सेतु है।
जब संस्कार, संस्कृति और श्रद्धा के साथ वैवाहिक मंत्र उच्चरित होते हैं, तब स्वयं भगवान, कुलदेवता और पितृ शक्तियां साक्षी होकर दंपति को आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
दीपक और हर्षिता का यह पावन मिलन ईश्वर की कृपा, पारिवारिक संस्कारों और प्रेम की परिणति है।
हम सभी प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि उनका दांपत्य जीवन स्नेह, सद्भाव, विश्वास और सदैव बढ़ते मंगल सौभाग्य से परिपूर्ण रहे।”
💐 अतिथियों की मंगल कामनाएँ
कार्यक्रम में सम्मिलित सभी अतिथियों ने एक स्वर में कहा—
> “इष्ट देवताओं के आशीर्वाद से संयुक्त यह शुभ विवाह, भारतीय संस्कृति और वैदिक परंपराओं का प्रेरणादायक उदाहरण है।
हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दीपक और हर्षिता का जीवन प्रेम, सामंजस्य, सम्मान, सुख और समृद्धि से सदैव आलोकित रहे।”
संस्कारों से समृद्ध, संस्कृति से सराबोर आयोजन
यह वैवाहिक समारोह केवल पारिवारिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय मूल्य, उत्तराखंड की संस्कृति और सनातन वैदिक परंपराओं की जीवंत प्रस्तुति बनकर अविस्मरणीय अनुभव छोड़ गया।
रिपोर्ट : रमाकान्त पन्त
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