शनि देवता को समर्पित भण्डारे में प्रसाद ग्रहण कर पुण्य अर्जित किया श्रद्वालुओं ने

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लोक मगंल की कामना को लेकर विक्रम एसोशिएशन के तत्वावधान में आयोजित हुआ विशाल भण्डारा

लालकुआं /
नगर के प्रसिद्ध शक्तिपीठ स्थल अवंतिका देवी मंदिर के प्रांगण में विक्रम एसोसिएशन के तत्वाधान में आयोजित भगवान श्री शनि देव को समर्पित विशाल भण्डारे में आपार संख्या में श्रद्वालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य अर्जित किया। क्षेत्र की सुख ,समृद्धि खुशहाली एवं लोक मंगल की कामना को लेकर आयोजित इस भंडारे में नगर एंव क्षेत्र व दूर दराज से पधारे भक्तजनों ने माँ अंवतिका व शनि देव के दर्शन कर पूजा अर्चना भी की पूजा अर्चना का कार्य पंडित श्री चन्द्रशेखर जोशी ने संपन्न कराया। हर वर्ष यहाँ यह भण्डारा आयोजित होता है इस वर्ष यह आठवां भण्डारा है शनि देवता को परम न्यायकारी देव माना जाता है ऐसी मान्यता है, कि श्री शनिदेव सभी के कर्मों का फल देते हैं । तथा अपने भक्तों पर सदैव कृपालु रहते हैं। जो प्राणी इनकी शरणागत रहता है ।वह समस्त संताप व भयों से मुक्त होकर आनंद भरा जीवन जीता है इसीलिए उनकी पूजा का बेहद महत्व है।

यहां शनि मंदिर में आयोजित पूजन कार्यक्रम में भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट लक्ष्मण खाती संजीव शर्मा व्यापार मण्डल अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट महामन्त्री दिनेश लोहनी नन्दू राणा नरेश चौधरी मण्डल भाजपा अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट दीपू नयाल सुरेन्द्र लोटनी प्रेमनाथ पण्डित विक्की रजवार कमल जोशी सहित विक्रम यूनियन के मुरलीधर पाण्डे भजन सिंह मेहरा अनिल भट्ट रमेश चन्द्र भट्ट पीताम्बर पाण्डे तिल्लू गोस्वामी भगवान सिंह बोरा ललित चंदोला ललित भट्ट जगदीश चंदोला तरुण गोस्वामी प्रीत गोस्वामी जसपाल नेगी पीताम्बर भट्ट त्रिलोक गोस्वामी किशोर चन्द्र, गोपाल जोशी गोपाल भट्ट उमेश चन्द्र जोशी सनवाल जी ललित जोशी खण्टी बल्लभ हिमांशु महेन्द्र नाथ चन्दन जोशी महेश जोशी कुन्दन सिंह दिनेश फुलारा दीपक बोहरा प्रेम सिंह ललित महतोलिया भूपेश रावत पूरन शर्मा मोहन दा सार्थक भाई चन्दू जोशी घनश्याम मिश्रा सागर बिष्ट शंकर पनेरु मोहन चन्द्र थुवाल चन्दन उपाध्याय ललित मोहन जोशी उमेश चन्द्र उपाध्याय विजी भाई लक्ष्मण जोशी बहादुर सिह सुभाष खन्ना पंकज भट्ट सुभाष भाई सहित तमाम भक्त जनों ने भाग लिया व क्षेत्र की सुख समृद्धि एवं मंगल की कामना की

यहां हर शनिवार शनि देवता कि पूजा की जाती है ।मान्यता है कि अगर पूजा सही तरीके से की जाए तो इससे शनिदेव की असीम कृपा मिलती है और ग्रहों की दशा भी सुधरती है। हर शनिवार को यहां दूर दराज क्षेत्र से शनि देव के मंदिर में सरसों के तेल का दीया जलाकर लोग मनौती मागंने आते है शनिदेव को तेल के साथ ही तिल, काली उदड़ या कोई काली वस्तु भी भेंट करते है

शनि पूजन के बाद हनुमान जी की पूजा भी की जाती है। उनकी मूर्ति पर सिन्दूर और केला अर्पित कर भक्तजन आसीम आनंद का अनुभव करते हैं शनिदेव की पूजा के ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मन्त्र के जाप से यह स्थल गुंजायमान रहता है।उल्लेखनीय है, कि भगवान शनि देव सूर्य और भगवान विश्वकर्मा की पुत्री छाया के पुत्र है | अपने गुरु शंकर भगवान की तपस्या करके इन्हे नवग्रह का राजा का पद प्राप्त हुआ है | इन्हे मनुष्य के कर्मो के आधार पर दंड देने का भी कार्य सौपां गया है | पीपल के पेड़ में शनि निवास करते है अत: भक्तो को हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे एक सरसों के तेल का दीपक जरुर जलाना चाहिए इनकी पत्नीयों का नाम जपनें मात्र से समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं इनकी पत्नियों के नाम इस प्रकार है ध्वजिनी,धामिनी ,कंकाली ,कलहप्रिया,कंटकी ,तुरंगी ,महिषी अजा

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