समय रहते उत्तराखंड की स्थिति संवारने की जरूरत

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टिहरी। पलायन का दर्द झेल रहे उत्तराखंड के लिए आशा की एक नई किरण, गांव वापसी संवा के तहत एक प्रयास किया जा रहा है‌ । जिसमें विषय विशेषज्ञों को बुलाकर नए उत्तराखंड की संकल्पना को साकार करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही उक्त कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य के विकास के लिए अपना भागीरथ प्रयास कर रहे युवाओं, समाजसेवियों शिक्षकों सहित तमाम विषयों के लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा।जानकारी को देते हुए संवाद कार्यक्रम के आयोजक वीरेंद्र सिंह रावत चिंतक, समाज सुधारक व संस्थापक ग्रीन स्कूल अहमदाबाद मूलनिवासी बमुराधाम हेरवाल गांव टिहरी ने बताया कि समय रहते हमें उत्तराखंड की स्थिति और संवारने की जरूरत है। जिसके लिए जो लोग उत्तराखंड छोड़कर देश दुनिया में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे हैं । उन्हें गांव वापस आकर लोगों को नई दिशा और नई जानकारी देकर गांव को संवारे जा सकते हैं। इसी तहत गांव वापसी संवाद कार्यक्रम कर एक छोटा सा प्रयास किया है शायद इसको देखा- देखी लोग गांव की तरफ वापस लौट कर उत्तराखंड को विकसित करने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे। ‌ इन सभी आशाओं के साथ हम इस हिमालयी क्षेत्र को जिसके प्रभावित होने से पूरा विश्व प्रभावित होता है को संवारने में प्रकृति के साथ मददगार बनकर और स्थानीय लोगों के साथ नव चेतना जागृत कर सकते हैं। साथ ही एक नया प्रयास सरकार के और आम जनमानस के बीच स्थापित कर समृद्ध राज्य की कल्पना को साकार बनाया जा सकता है।

श्री रावत ने बताया कि गांव संवाद कार्यक्रम में कृषि, बागवानी ,वानिकी , हस्तकला, शिल्प कला, ज्योतिष विज्ञान , जवाबदार नौकरशाही , संस्कृति, समाज व्यवस्था , संपर्क के माध्यम , अर्थव्यवस्था, शिक्षा, रोजगार, पाक शास्त्र , शासन व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधा , सांस्कृतिक विरासत भविष्य की जीवन शैली सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर विषय विशेषज्ञ बातचीत कर नई संकल्पना की तरफ आगे बढ़ेंगे । आयोजक मंडल में विरेंद्र सिंह रावत अधिवक्ता सर्वोच्च दिल्ली, मोहन सिंह पंवार प्राध्यापक हेमंती नंदन केंद्रीय विश्वविद्यालय व मोहन डबराल प्रगतिशील व्यवसाय शामिल हैं।

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