उत्तराखंड में जमीन की खरीद फरोख्त पर नियंत्रण को लेकर अब प्रदेश सरकार राज्यहित में निर्णय ले रही है।: द्विवेदी

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हल्द्वानी  /उत्तराखंड में जमीन की खरीद फरोख्त पर नियंत्रण को लेकर अब प्रदेश सरकार राज्यहित में निर्णय ले रही है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी ने बताया की राज्य में हो रही जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर पुष्कर धामी सरकार द्वारा कड़े निर्णय लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया की हिमाचल की भांति उत्तराखंड में भी भू-कानून सख्त करने की मांग लंबे अरसे से की जा रही है। जिसको राज्य की भाजपा सरकार ने गंभीरता से लिया।

प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी ने बताया की राज्य में भू-कानून को और कड़ा किया जाएगा। इसके लिए नियम बनाए जा रहे हैं। इन नियमों में जो फिट बैठेगा वहीं उत्तराखंड में जमीन खरीद पाएगा। साथ ही उन्होंने बताया की जमीन खरीदने से पहले व्यक्ति का सत्यापन अनिवार्य होगा। राज्य में लंबे समय से भू-कानून का मामला तूल पकडऩे पर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अपने पिछले कार्यकाल में भू-कानून के अध्ययन एवं परीक्षण के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की थी।

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यह समिति बीते सितंबर माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है। समिति ने भी वर्तमान भू-कानून में संशोधन और नियमों को सख्त बनाने की संस्तुति की है। उन्होंने बताया की उत्तराखंड धर्म, अध्यात्मक, संस्कृति और देवों की भूमि है। यहां जमीन खरीद फरोख्त बड़े पैमाने पर होने से प्रदेश की कानून व्यवस्था और शांति के लिए चुनौतीपूर्ण स्थितियां बन रही हैं। इसे ध्यान में रखकर ही भूमि खरीदने से पहले व्यक्ति की पृष्ठभूमि के सत्यापन की आवश्यकता महसूस की गई है। इसके लिए नियम तैयार किए जा रहे हैं। नियमों के अनुसार ही परीक्षण कर भूमि खरीदने की अनुमति दी जाएगी।

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प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी ने बताया की राज्य बनने के बाद से बाहरी राज्यों से आए आपराधिक प्रवृत्ति और संदिग्ध गतिविधियों वाले व्यक्तियों ने जमीनों में निवेश किया है, यह चिंताजनक हैं। इनमें बड़ी संख्या ऐसे व्यक्तियों की है, जो इन जमीनों पर धर्म विशेष के लोग अपने दूसरे उद्देश्य को स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समय रहते इस तरह के अवैध खरीद फरोख्त पर रोक नहीं लगाई गई तो यह राज्य की पहचान और देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

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