रुद्राक्ष का वृक्ष भेंट करके श्रीमद्भागवत की सुन्दर कथा के लिए किया धन्यवाद अदा, नगरवासियों की ओर से नगर पंचायत अध्यक्ष व गर्ग दंपत्ति ने भेट किया रुद्राक्ष का पौधा

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रुद्राक्ष का वृक्ष भेंट करके श्रीमद्भागवत की सुन्दर कथा के लिए किया धन्यवाद अदा, नगरवासियों की ओर से नगर पंचायत अध्यक्ष व गर्ग दंपत्ति ने भेट किया रुद्राक्ष का पौधा

श्रीकृष्ण की लीलाओं की कथाओं को सुनकर आनन्द से झूम उठे श्रद्वालु
श्रीमद् भागवत पारायण के अवसर पर हुआ विशाल भंडारा नमन कृष्ण ने निर्मल मन को बताया प्रभु मिलन का सुगम पथ

मधुर यादें महका गया आध्यात्म के रंग में रगां लालकुआं में आयोजित श्रीमद्भागवत

माँ अवंतिका मन्दिर की पावन भूमि लालकुआं में गर्ग परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का हवन, यज्ञ व भण्ड़ारे के साथ समापन हुआ।

कथा पारायण से पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष लाल चंद्र सिंह ई० ओ० राहुल सिंह व यजमान परिवार के श्रीमती सावित्री गर्ग व गोपी गर्ग गर्ग ने कथा के सफल आयोजन के लिए लोक मंगल की कामना को लेकर समस्त क्षेत्रवासियों की ओर से कथा वाचक श्री नमन कृष्ण महाराज जी को शाल ओढ़ाकर रुद्राक्ष का पुष्प भेंट किया

प्रसिद्व कथावाचक नमन् कृष्ण महाराज जी ने कहा आध्यात्मिक विचार धारा से ही दुनियां विनाश से बच सकती है। कथा का पारायण करते हुए व्यास नमन् कृष्ण ने कहा हरि अनंत हरि कथा अनन्ता लोक कल्याणकारी ,परमार्थिक कार्य की कभी समाप्ति नही होती पर मयार्दा के हिसाब से समय पर पूर्णता होना निश्चित है। हर वस्तु की प्राप्ति के साथ वियोग का संयोग भी निश्चत है। हर पल नाम सुमिरन व भक्ति करना ही जीवन का मूल उद्देश्य होना चाहिए। सांसारिक कार्य करने के बाद पश्चाताप हो सकता है, परन्तु ईश्वरीय भक्ति, साधना, ध्यान, परोपकार के पश्चात् पश्चाताप का कोई स्थान नही वरन् आनन्द ही आनन्द है। आत्म संतोष की अनुभूति भागवत कथा के श्रवण से प्राप्त होती है
उन्होनें भागवत कथा के अन्तिम दिवस श्रद्वालुओं के आपार जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि अमृत से मीठा अगर कुछ है तो वह श्री कृष्ण का नाम है,सत्यता के मार्ग पर चलकर परमात्मा प्राप्त होंते है, मन-बुद्धि, इन्द्रियों की वासना को यदि समाप्त करना चाहते हो तो हृदय में परमात्मा की भक्ति की ज्योति को जलाना पड़ेगा।

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श्री महाराज ने कथा के अंतिम दिन सुकदेव द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई श्रीमद् भागवत कथा को पूर्णता प्रदान करते हुए कथा में विभिन्न प्रसंगो का वर्णन किया। उन्होनें अंतिम दिन की कथा मे अपने सुधामयवाणी की धार से भक्त सुदामा की भक्ति एंव सखा धर्म का महत्व एवं श्री कृष्ण का द्वारिका मे परम स्नेही के साथ मिलन, श्री कृष्ण का स्वधाम गमन एवं अंत मे राजा परिक्षित को मोक्ष प्राप्ति के प्रसंगो को बहुत ही सुन्दर ढ़ग से मधुर वाणी के साथ सुनाया

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कथा के दौरान श्री कृष्ण के भक्तिमयी भजनों की प्रस्तुति से पांडाल मे उपस्थित भक्त गण झूम उठे तथा दोनों हाथ ऊपर उठा कर श्री कृष्ण भजनों पर झुमते हुए कथा एवं भजनों का आनन्द लिया। श्री महाराज ने आगे कहा कि श्रीमद्भागवत महान् ज्ञान यज्ञ है। यह मानवीय जीवन को भक्तिमय बना देता है।

भगवान् कृष्ण की अद्भूत लीलाओं का वर्णन इसमें समाहित है। भव-सागर से पार पाने के लिये श्रीमद्भागवत कथा एक सुन्दर महासेतु है। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से जीवन धन्य-धन्य हो जाता है ब्यास जी ने अपने पुत्र शुकदेव जी को श्रीमद्भागवत पढ़ायी, तब शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को जिन्हें सात दिन में मरने का श्राप मिला, उन्हें सात दिनों तक श्रीमद्भागवत की कथा सुनायी। जिससे राजा परीक्षित को सात दिन में मोक्ष की प्राप्ति हुई ।

श्री महाराज ने भागवत की महिमां पर प्रकाश डालते हुए कहा।श्रीमद्भागवत वेद रूपी वृक्षों से निकला एक अद्भूत पका हुआ फल है। शुकदेव जी महाराज जी के श्रीमुख के स्पर्श होने से यह पुराण परम मधुर हो गया है। इस फल में न तो छिलका है, न गुठलियाँ हैं और न ही बीज हैं। अर्थात इसमें कुछ भी त्यागने योग्य नहीं हैं सब जीवन में ग्रहण करने योग्य है।यही भागवत की परम विशेषता है। इस अलौकिक रस का पान करने से जीवन धन्य-धन्य कृत कृत हो जाता है इसलिये अधिक से अधिक श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण निरंतर करते रहना चाहिये। जितनी ज्यादा कथा सुनेंगे उतना ही जीवन सुधरेगा व परम उद्वार होगा।

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इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष लाल चन्द्र सिंह पूर्व चैयरमैन पवन चौहान पूर्व चैयरमैन अरुणा चौहान सभासद योगेश उपाध्याय भोला राम नारायण सिंह बिष्ट पूरन सिंह रजवार प्रेम बल्लभ भट्ट रामपाल शर्मा प्रकाश चन्द्र जैन व्यापार मण्डल अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट उपाध्यक्षा मीना रावत माँ अवंतिका मंदिर के आचार्य प० चन्द्रशेखर जोशी आचार्य प० विवेक पाण्डे प० गिरीश भट्ट प० ब्रजेश पन्त प० त्रिलोचन जोशी संगीतज्ञ प० रवि शंकर प० छोटू शरण शर्मा प० श्याम दादा दीप चन्द्र लोहनी विनोद श्रीवास्तव आनन्द बल्लभ डौर्बी ईष्ट देव पाण्डे जीवन सिंह भण्डारी राजेश गोयल
यजमान परिवार के हनुमान प्रसाद गर्ग गणेश गर्ग व गोपी गर्ग सहित तमाम मौजूद रहे

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