हल्द्वानी में गूंजेगा अंतरिक्ष का स्वर, यूनिवर्सल स्कूल में रहेगी द्वितीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की धूम
+ पूर्व प्रचार गतिविधियों की रिहर्सल के दौरान स्कूली बच्चों में जागी अंतरिक्ष विज्ञान की जिज्ञासा,
+ भाषण-गीत-चित्रकला प्रतियोगिताओं से पूर्व दिखी रचनात्मकता
+ ‘कौन बनेगा करोड़पति’ फेम वैज्ञानिक डॉ. मोहित जोशी होंगे आकर्षण का केंद्र
+ पुरस्कार, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और खास मेहमानों की मौजूदगी में होगा भव्य आयोजन
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हल्द्वानी ( नैनीताल ) ,
यूनिवर्सल सीनियर सेकेंडरी कान्वेंट स्कूल हल्द्वानी में द्वितीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने जा रहा है। पूर्व प्रचार गतिविधियों की रिहर्सल के दौरान आज यहाँ भाषण, गीत और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई.
जिसमें स्कूली बच्चों ने अंतरिक्ष व अन्तरिक्ष विज्ञान से जुड़े अपने विचारों और रचनात्मकता की प्रतिभा को मंच पर उतारा।
भाषण प्रतियोगिता के लिए निर्णायक मण्डल में श्रद्धा गुरुरानी तिवारी और डॉ. दीपा जोशी ने शानदार भूमिका निभाई, जबकि गायन प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में गोपेश बिष्ट और शोभा चारक ने अपने निर्णय कौशल का परिचय दिया ।
इसी तरह चित्रकला प्रतियोगिता में बतौर निर्णायक, भास्कर जोशी और शर्मिष्ठा बिष्ट का सराहनीय अनुभव देखा गया ।
राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस कार्यक्रम के संयोजक आनंद बिष्ट ने बताया कि एरीज के वरिष्ठ वैज्ञानिक व ‘कौन बनेगा करोड़पति’ फेम डॉ. मोहित जोशी, इस पूरे आयोजन के मुख्य आकर्षण होंगे, जो छात्रों से भारत की अंतरिक्ष यात्रा पर रोचक व ज्ञानवर्धक चर्चा करेंगे।
संयोजक आनन्द बिष्ट ने बताया कि डॉ. नवल लोहनी फिजिक्स के जरिये धरती से परे भारत की उपलब्धियों पर विशेष प्रेजेंटेशन देंगे।
उन्होंने बताया इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री शंकर कोरंगा, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री, अति विशिष्ट अतिथि श्री अनिल डब्बू और विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका जोशी, समारोह की शोभा बढ़ायेंगे । क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नीरज भट्ट ने बताया कि विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा और सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे आयोजन को और भी रंगारंग बनाएंगे।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 से 23 अगस्त के दिन को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया गया है। इसी दिन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा था। यह उपलब्धि भारत को अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उन चुनिंदा देशों की कतार में ले आई, जिन्होंने चाँद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई।
कुल मिलाकर राष्ट्रीय अन्तरिक्ष दिवस के आयोजन का उद्देश्य छात्रों और युवाओं में विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रति जिज्ञासा जगाना और उन्हें नए नवाचारों की ओर प्रेरित व प्रोत्साहित करना है।
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