प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भूत खजाना छिपा है यहाँ

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हिमालय के आंचल में स्थित जनपद पिथौरागढ़ का बेरीनाग क्षेंत्र आध्यात्म की विराट विरासत को अपनें आँचल में समेटे हुए है प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से यहां की पावन भूमि की उपमा भी अतुलनीय है
गगन चुम्बी पर्वत मालाओं के पार हिमालय की वादियाँ बरबस ही यहाँ आने वाले आगन्तुकों को अपनी ओर आकर्षित करती है नागों की पावन व पूजनीय भूमि बेरीनाग क्षेत्र पहाड़ी के शिखर पर बसा हुआ एक ऐसा रमणीक स्थल है जो एक बार यहाँ आ जाए तो बार बार यहाँ आनें की अभिलाषा रखता है बेरीनाग के आसपास आध्यात्मिक समृद्धि को समेटे पौराणिक स्थल युगों युगों के इतिहास को अपनें आँचल में समेटे हुए है महा प्रतापी नागो की भूमि होने के साथ साथ दस महाविधाओं में एक माता त्रिपुरा सुन्दरी इस भूभाग की आराध्या देवी है महा प्रतापी नाग अनन्त वासुकी शेष पद्ननाभ शंखपाल सहित तमाम नागों ने इस भूमि पर तपस्या करके अलौकिक सिद्धियां प्राप्त की
कभी चाय बगानों के लिए प्रसिद्ध रहा बेरीनाग आज क्रांकीट के जंगल में तब्दील हो चुका है आज तहसील के रूप में पहचान बना चुकी बेरीनाग का आध्यात्मिक महत्व यदि देश व दुनिया के सामने लाया जाए तो यह क्षेत्र अपने आप में आध्यात्म की विराट पहचान बन सकता है यहाँ से नन्दा देवी व पंचाचूली के शिखर के विहंगम दृश्य बेहद मनभावन लगते है

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