ममता व करुणा की यह मूर्ति सदैव स्मरणीय रहेंगी ,आध्यात्मिक विचार धारा की धनी थी स्व० भगवती पंत

ख़बर शेयर करें

गंगोलीहाट/ हल्द्वानी
गंगोलीहाट की अग्रुन गाँव निवासी आध्यात्मिक जगत की महान् विराट विभूति भगवती पंत अब इस नश्वर संसार में नहीं रही वे कुछ समय से बीमार थी व अपनें पुत्र के साथ हल्द्वानी आवास पर रह रही थी हल्द्वानी में ही उनका 6 अगस्त रविवार को निधन हो गया वे लगभग 68 वर्ष की थी

लोक मंगलकारी कर्मो का सृजन करके निष्काम कर्म की प्रेरणा देकर जीवन पथ को निर्मल आभा से सवांरकर करूणा की दिव्य छाया बरसाने वाली स्व० भगवती देवी की गंगोलीहाट की माता महाकाली व हटकेश्वर महादेव सहित शैल एव दारुगिरी पर्वत पर विराजमान देवी देवताओं के प्रति अगाध श्रद्धा थी
कर्म ही उनका महान् आर्दश था ,दया ही उनका परम धाम था ,अलौकिक सत्ता के प्रति हर पल उनका रूझान था जो मानवीय रूप में साक्षात् करूणा की मूर्ति थी ,आत्मा की अमरता व शरीर की नश्वरता को जो भलि – भांति जानती थी, देवभूमि व यहां की पावन संस्कृति के प्रति जिनके हदय में अपार श्रद्वा थी समय समय पर उनका पर्दापण देवकार्यो में होता रहता था ,वो सरल हृदय ममता व करूणा की साक्षात् मूर्ति स्व० श्रीमती भगवती देवी सदैव स्मरणीय रहेगी
उनके निधन की सूचना से समूचा क्षेत्र शोक से व्याकुल हो उठा है, चिटगल पाली पोखरी अग्रौन सहित तमाम आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के जनमानस में उनके प्रति गहरी श्रद्वा थी उनका आत्मिक रूप से मिलना जुलना उनके विशाल हृदय की विराटता को झलकाता था सरल से भी सरल ममतामयी स्व० भगवती देवी जी ने अपनी जीवन साधना को निष्काम कर्मयोगी की तरह जिया वे सच्चे अर्थो में दरियादिली की जीती जागती मिशाल थी, देवभूमि के देवालयों की वे कायल थी ईश्वर से उनका अमिट लगाव था ।उनकी सादगी ,विनम्रता स्नेहशीलता आदरणीय थी। उनके निधन पर आध्यामिक राजनितिक व समाजिक क्षेत्रों ने लोगों ने शोक संवेदना प्रकट करते हुए अपनी अपनी ओर से श्रद्धाजली अर्पित की है शोक संवेदनाओं का क्रम जारी है

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखण्ड नगर निकाय चुनाव - 2024/ कैसा हो अपना प्रतिनिधि दावेदारी को लेकर हलचल तेज *** लालकुआं नगर पंचायत चेयरमैन सीट सामान्य होने पर रविशंकर तिवारी होंगे कांग्रेस पार्टी से प्रबल दावेदार

 

अग्रुन गाँव के स्व० श्री नवीन चन्द्र पन्त जी की धर्म पत्नी एवं ग्राम विकास अधिकारी सुनील पंत की माताश्री का जीवन सफर धार्मिक व सामाजिक कार्यो में बीता उनकी जहां ईश्वर के प्रति गहरी आस्था थी, वही समाजसेवी के क्षेत्र में भी वह समर्पित रही। ,उनका जीवन मानवीय मूल्यों के रक्षा हेतु अथक सघंर्षों की गाथा रही है।जो आज के समाज के लिए महान् आर्दश है। गरीबों के दुख दर्द में सदा ही सहायक रहने वाली ममता की यह मूर्ति सदा ही स्मरणीय रहेगी उनकी पावन यादें सदा ही हम सब का मार्ग दर्शन करते रहेगी

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad