त्रिकाल संध्या से मिलती है परम शांति पंडित दुर्गा दत्त त्रिपाठी

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अजय उप्रेती
लालकुआं मां अवंतिका मंदिर में चल रही श्री शिव महापुराण कथा के छठवें दिन आज सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा द्वारा प्रकट देवी संध्या के चरित्र का बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया पंडित दुर्गा दत्त त्रिपाठी ने संध्या चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संध्या परम शिव भक्त थी जिसने शिव की भक्ति को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की और भगवान शिव की कृपा से उसे अगले जन्म में अरुंधति के रूप में जन्म लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ वही अरुंधति मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की गुरु माता के रूप में जगत विख्यात हुई उन्होंने कहा कि संध्या का मतलब शालीनता सदाचार और मर्यादा से भी है संध्या का हमारे जीवन में आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टि से बेहद महत्व है उन्होंने कहा कि संध्या वंदन सनातन धर्म का मूल आधार है तथा प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में तीन समय संध्या वंदन अवश्य करना चाहिए देश काल परिस्थिति के हिसाब से भी मन ही मन संध्या वंदन जरूर कर लेना चाहिए उन्होंने आज श्री शिव महापुराण कथा के रूद्र संहिता के भी कई आख्यानों का बहुत ही सुंदर वर्णन किया उन्होंने भगवान शिव को परम दयालु बताते हुए कहा कि उन्हें वंदे बोधमयं नित्यं गुरुर शंकर रुपिनम यमाश्रितो वक्रोपि चंद्र सर्वत्र वंदते उन्होंने कहा कि देवाधिदेव महादेव की पूजा अर्चना से क्षय रोगी चंद्रमा को फिर से नवयौवन प्राप्त हुआ और उसकी प्रसिद्धि संपूर्ण जगत में व्याप्त हो गई इसलिए हमेशा सच्चे मन से शिव आराधना करनी चाहिए इस अवसर पर हाटकेश्वर महादेव मंदिर गंगोलीहाट से आए संत पवन दास जी महाकाली मंदिर हल्दूचौड़ के राजेश्वर गिरी महाराज विधायक डॉ मोहन बिष्ट पूर्व मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल भास्कर पांडे हिमांशु पांडे पंडित चंद्र शेखर जोशी आनंद बल्लभ लोहनी रमाकांत पंत दीवान सिंह बिष्ट दानी सुरेंद्र लोटनी बॉबी संबल दिनेश लोहनी अजय उप्रेती भुवन पांडे दीप लोहनी प्रकाश जैन दीप नयाल शोभा जोशी जीवन भंडारी बीना जोशी यमुना नैनवाल रजनी भंडारी मदन मोहन रीता मुन्नी पांडे नीमा पांडे हेमा तिवारी तारा जोशी घनश्याम गोयल प्रभा कांडपाल समेत अनेकों शिव भक्त मौजूद रहे इस दौरान पत्रकार रमाकांत द्वारा देवी के प्रमुख शक्तिपीठों का सुंदर वर्णन किया गया

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