राजसत्ता की देवी माँ पीताम्बरी की जय हो : रमेश कुनियाल माँ बगलामुखी प्रकटोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं

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बिन्दुखत्ता/ माँ बगलामुखी के आस्थावान भक्त भाजपा के मण्डल महामन्त्री रमेश कुनियाल ने कहा कि पृथ्वी पर उत्पन्न महा विनाशकारी तूफान को रोकने के लिए भगवान श्री विष्णु ने शिवजी की आज्ञा से की थी, माँ त्रिपुर सुन्दरी की आराधना
माँ पीताम्बरी के रुप में प्रकट हुई थी देवी, और जगत में कहलायी विष्णु चिंताहरणी अर्थात जिन्होंने भगवान विष्णु की भी चिंता का हरण किया था
श्री कुनियाल ने बताया प्रलयंकारी तूफान को रोकने के लिए आध्यात्मिक जगत में सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र माना जाता है, माँ पीताम्बरी का पूजन व महायज्ञ उन्होंने कहा वर देने वालों को भी वरदान देती है,माँ पीताम्बरी
श्री शिव,श्री विष्णु,श्री राम,श्रीकृष्ण,श्रीश्याम,भगवान परशुराम,गुरु द्रोणाचार्य ने भी किया था,माँ बगलामुखी देवी का पूजन
उन्होंने बताया माँ बगलामुखी देवी को ही माई पीताम्बरी देवी अथवा माँ पीताम्बरा देवी कहा जाता है। यह देवी सृष्टि की दश महाविद्याओं में से एक मानी जाती हैं। स्वयं प्रभु श्री राम,श्री कृष्ण,भगवान शंकर इस देवी का पूजन करते है,इनकी कृपा से ही राम ने रावण पर विजय पायी थी इसलिए देवी का एक नाम महारावण हारिणी भी है, तंत्रशास्त्र में इस देवी को विशेष महत्व दिया गया है। अपनी उत्पत्ति के समय यह देवी पीले सरोवर के ऊपर पीले वस्त्रों से सुशोभित अद्भुत कांचन आभा से युक्त थी। इसीलिए साधकों ने इस देवी को ‘पीताम्बरी’ अथवा ‘पीताम्बरा’ देवी के नाम से भी सम्बोधित किया है इस तरह यही बगलामुखी देवी पीताम्बरी देवी के रूप में जगत में पूजित, वन्दित एवं सेवित हैं।
एक पौराणिक प्रसंगानुसार जब दक्ष प्रजापति ने अपने यज्ञ में भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया तो सती अत्यधिक क्रोधित हो उठी। सती के रौद्र रूप को देख कर भगवान शिव अत्यधिक विचलित हो गये और इधर-उधर भागने लगे। तब सहसा दशों दिशाओं में सती का विराट स्वरूप उद्घाटित हो गया। भगवान शिव ने जब देवी से पूछा कि वे कौन हैं, तो विराट स्वरुपा देवी सती ने दश नामों के साथ अपना परिचय दिया जो दश महाविद्याओं ने रूप में जगत प्रसिद्ध हुई। उन्हीं में माँ पीताम्बरा एक है

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