भद्रकाली जयंती पर यहाँ निकलेगी भव्य रथ यात्रा

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जनपद बागेश्वर के कमस्यार घाटी में स्थित माँ भद्रकाली मन्दिर में भद्रकाली जयंती महापर्व के अवसर पर अनेकों धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होगे इस अवसर पर चिकित्सा जगत की नामी हस्ती प्रसिद्ध चिकित्सक सत्य राजन शाहू भी यहाँ पहुंचकर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे साथ ही उनके द्वारा एक दिवसीय निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाऐगा डाक्टर श्री शाहू के यहाँ आने की सूचना से स्थानीय भक्तजनों द्वारा उनके स्वागत की भी जोरदार तैयारियाँ की जा रही है

यहाँ यह बताते चले कि इस वर्ष 23 मई को माँ भद्रकाली जयंती है जनपद बागेश्वर के कमस्यार घाटी में माँ भद्रकाली की महिमां सर्वत्र फैली हुई है यहाँ तीन स्थानों पर माँ के शक्ति स्थल युगों- युगों से परम पूजनीय है

जनपद बागेश्वर के सिमाली गाँव निवासी एवं माँ भद्रकाली के परम आस्थावान भक्त संतोष काण्डपाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस दिन 23 मई को भद्रकाली के मंदिरों में विभिन्न धार्मिक आयोजन के साथ- साथ विशाल भव्य रथ यात्रा भी निकाली जाऐगी जयंती की पूर्व संध्या पर 22 मई को सुन्दरकाण्ड का आयोजन होगा भव्य कलश यात्रा निकाली जाऐगी

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माँ के चरणों में गहरी आस्था रखने वाले श्री काण्डपाल द्वारा देवभूमि के तमाम पावन स्थलों पर समय- समय पर विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाता है तथा सर्व स्वरूपा माँ भद्रकाली की भक्ति का प्रचार – प्रसार भी निरंतर किया जाता है इन्हीं के अथक प्रयासों से गुमनामी के साये में गुम सिमाली गाँव की माँ भद्रकाली का मंदिर प्रकाश में आया है

सिमाली गाँव में स्थित माँ भद्रकाली की महिमां पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने
कहा माँ भद्रकाली की महिमां कमस्यार घाटी में सर्वत्र फैली हुई है इनकी अद्भूत लीला का एक और शक्ति स्थल सिमाली गाँव में है माॅ भद्रकाली के इस गुप्त स्थान की जानकारी बहुत ही कम लोगों को है माँ भद्रकाली का यह भव्य मंदिर बेहद आकर्षण का केन्द्र है यहाँ पहुंचकर जो निराली शान्ति मिलती है उसका वर्णन शब्दों में नहीं किया जा सकता है भद्रा नदी के तट पर इस मंदिर के भीतर एक विशाल पत्थर गुफा के आकार को लिए हुए है जिनके नीचें एक पिण्ड़ी की पूजा होती है साथ में दो और छोटी – छोटी पिण्डीयों की भी यहाँ पूजा होती है प्राकृतिक रुप से प्रतिष्ठित माँ भद्रकाली के इस दरबार की आध्यात्मिक मनोहरता मन को निर्मल कर देती है
श्री काण्डपाल ने बताया शाडिल्य ऋषि की तपोभूमि शनि उडियार से कुचौली जानें वाले मार्ग के मध्य से लगभग दो किलोमीटर की ऊँचाई पर पहाड़ी में स्थित माँ भद्रकाली के इस दरबार तक चलकर पहुंचा जा सकता है

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शुरभ्य पहाड़ी में स्थित इस पहाड़ी की चोटी के ऊपर से ही भद्रा नदी प्रकट हुई है जहाँ से नदी प्रकट हुई है उस स्थान को भद्रकाली माता का प्रथम निवास स्थान माना जाता है यहाँ तक पहुंचना बेहद जटिल है यहाँ कोई तपोनिष्ठ योगी भक्त ही पहुंच सकता है
उन्होनें बताया इससे आसपास नाग पर्वत का विशाल महात्म्य पुराणों में वर्णित है जिसे विस्तार के साथ पढ़ा जा सकता है पुराणों में कहा गया है ‘भद्रा’ के उद्गम स्थल पर ‘भद्रेश’ की पूजा करने से सिद्धि प्राप्त होती है। देव, गन्धर्व, सर्प आदि देवी का पूजन करते हैं। यहाँ ‘चटक’, श्वेतक, ‘कालीय’ नाम आदि ‘भद्रा के मूल में वास देवगन्धर्वाद से सेवित ‘भद्रा” के तीर्थो का सुन्दर जिक्र पुराणों में आया है

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वैसे तो माँ भद्रकाली का प्रसिद्ध स्थल कमस्यार घाटी के पला कमस्यार भद्रकाली गाँव में स्थित है सिमाली गाँव में भी माँ का प्राचीन स्थल है इसी स्थल से भद्रकाली गाँव में स्थित भद्रकाली मंदिर तक भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी दोनों स्थलों पर अनेक धार्मिक कार्यक्रमों के साथ विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाऐगा

उल्लेखनीय है कि भद्रकाली जयंती का महत्व पुराणों में सुन्दर शब्दों में वर्णित है
कहा जाता है इस दिन देवी भद्रकाली की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती है ‘ग्रह दोष’ समाप्त हो जाते है

 

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