दीपावली की रात्रि 9 घण्टे की साधना के बाद माँ बंगलामुखी देवी का हुआ पावन यज्ञ सत्य साधक जी ने राप्ती नदी के तट पर जमाया रात भर आसन

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श्रावस्ती/ दीपावली की रात्रि नौ घण्टे की साधना के बाद सत्य साधक श्री विजेन्द्र पाण्डे गुरुजी ने राप्ती नदी के तट पर देश की सुख समृद्धि व मंगल कामना के लिए माँ पीताम्बरी अर्थात् माँ बंगलामुखी देवी का पावन यज्ञ किया सांय 6 बजे से राप्ती नदी के तट पर आसन जमाकर उन्होनें देवी की साधना की नौ घण्टे की साधना के बाद उन्होनें राष्ट्र की सुख समृद्धि एवं मंगल कामना को लेकर यज्ञ किया तीन घण्टे तक यज्ञ के पश्चात् माँ की आरती की

उसके पश्चात् उन्होनें वार्त्ता करते हुए बताया माँ की कृपा से ही सभी दिशाए प्रकाशित होती है प्रभु श्री राम की ईष्ट देवी होनें के कारण इन्हें रामा प्रपूजिता कहा गया है दीपावली की रात्रि को माँ की स्तुति व यज्ञ से प्रभु श्री राम की कृपा सहज में प्राप्त होती है माँ को स्तम्भनकारिणी शक्ति, नाम व रूप से व्यक्त एवं अव्यक्त सभी पदार्थों की स्थिति का आधार व पृथ्वी रूपा कहा गया है। भगवती बगलामुखी इसी स्तम्भन शक्ति की अधिष्ठात्री दवी हैं। इनके स्मरण से सभी पापों का शमन होता है

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