करवाचौथ व्रत जानिये पूजा का सही समय

ख़बर शेयर करें

 

हल्दूचौड़। रिम्पी बिष्ट
अखंड शुभ सौभाग्य का प्रतीक करवाचौथ व गणेश चतुर्थी व्रत दिनांक 13 अक्टूबर 2022,कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी, गुरूवार को मनाया जायेगा। गुरु वार का दिन व कृतिका नक्षत्र शाम 06 बजकर 41 मिनट तक होने तथा पूजा के समय रोहणी नक्षत्र प्रारम्भ होने सिद्धि/ व्यति नाम योग एवं बव/ कौलव करण होने के कारण यह दिन अत्यन्त शुभ दिन व्रत हेतु कहा गया है। इस दिन वृष राशि में चंद्रमा होने के कारण मिथुन, तुला, कुंभ राशि के जातकों को प्रथम बार इस व्रत को नहीं प्रारम्भ करना चाहिए।। चन्द्रोदय रात्री को 08 बजे होने के कारण पूजा के लिए इसी के बाद का समय शुभ है। इस व्रत को श्रेष्ठ गृहस्थ जीवन की रीढ़ कहा गया है जिसे पति पत्नी दोनों कर सकते हैं। शान्ति सुख समृद्धि, अखंड सौभाग्य धन विद्या वुद्धि पुत्र प्राप्ति के लिए इस व्रत को हमेशा करना चाहिए। दिन भर श्रद्धा पूर्वक व्रत कर रात को भगवान गणेश, लक्ष्मी, शिव, पार्वती, कार्तिकेय भगवान की पूजा सामर्थानुसार करनी चाहिए। चन्द्रमा की पूजा कर शंख में दूध या गंगाजल डालकर कर अर्घ अर्पित कर, 11 शुद्ध मोदक , 11 दूब मिष्ठान, फल, नैवेद्य, दक्षिणा, वस्त्र,पान सुपारी, पंचमेवा धूप, दीप नैवेद्य अर्पित करें।। विघ्नहर्ता गणपति भगवान से अपने पति पत्नी बच्चों के दीर्घायु जीवन की कामना करें ,11 घी के बत्ती का दीपक से चन्द्रमा व गणेश भगवान की आरती उतार कर चन्द्रमा के दर्शन करने से कोटी कोटी यज्ञ फल प्राप्त होता है।।घर में इस दिन गमले में दूब का पौधा रोपने से रोग शोक का नाश होता है।।यह दिन पारिवारिक लोगों के लिए नूतन परिधान अर्पित करने का महानतम दिन कहा गया है। पीले, लाल, या सफेद कपड़ों के परिधान पहन कर पूजा करने से घर के सभी दुखों का अंत होता है। करवाचौथ व्रत गणेश चतुर्थी की पूजा करने से जन्मजन्मांतर के पापों का नाश होना कहा गया है।। ऊं गं गणपत्ये नमः का नित्य 108 जप करने व ब्राह्मण व बच्चों को मोदक मिष्ठान दक्षिणा दान करने से करवां चौथ व्रत की पूर्णता होती है।।।।।। पंडित त्रिभुवन उप्रेती ज्योतिष कार्यालय नया बाजार हल्दूचौड हल्द्वानी नैनीताल उत्तराखंड 9410143469,,

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad