गोपियों के ईश्वर गोपीश्वर महादेव क्षेत्र है महातीर्थ : संतोष काण्डपाल

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कांड़ा बागेश्वर/ काण्डा कमस्यार क्षेत्र के युवा सामाजिक कार्यकर्त्ता संतोष काण्डपाल ने कहा गोपीश्वर महादेव की महिमां अपरम्पार है उन्होनें सरकार से मांग की कि इसे महातीर्थ के रूप में विकसित किया जाये श्री काण्डपाल ने कहा कि कमस्यार क्षेत्र के गुमनाम तीर्थ स्थलों के विकास के लिए भी जनता को जागरुक रहनें की आवश्यकता है उन्होने कहा तीर्थों के विकास से इस घाटी की महिमां संसार में सर्व विदित होगी साथ ही उन्होने समस्त भक्त जनों का आवाहन करते हुए कहा कि 15 फरवरी से आयोजित श्री शिव महापुराण कथा में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर पुण्य के भागी बने
उन्होने कहा देवभूमि उत्तराखण्ड़ प्राकृतिक सौदर्य की दृष्टि से भारत का ही नही अपितु विश्व का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है यहां के पर्यटक एंव तीर्थ स्थलों का भ्रमण करते हुए जो आध्यात्मिक अनूभूति होती है वह अपने आप में अद्भुत है।पर्यटन की दृष्टि से ही नहीं बल्कि तीर्थाटन की दृष्टि से भी यह पावन भूमि महत्व पूर्ण है इसी कारण यहां का भ्रमण अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा श्रेष्ठ एंव संतोष प्रदान करने वाला है,पर्यटन एंव तीर्थाटन के विकास के लिए सरकार समुचित सहायता व प्रोत्साहन कब देगी यह तो समय ही बतलाऐगा, किन्तु इतना जरूर है।गुमनामी के साये में बदहाल तीर्थ स्थल यदि प्रकाश में लाएं जाएं तो ये तमाम तीर्थ विराट महत्व को प्रकट कर आस्था व भक्ति का अलौकिक संगम बनकर उभर सकते है।ऐसे ही पावन तीर्थों में अद्भूत माहिमां वाला क्षेत्रं है।गोपीश्वर महादेव मंदिर।
उल्लेखनीय है कि जनपद बागेश्वर के काड़ां क्षेत्रान्तर्गत गोपीश्वर महादेव का मदिरं पौराणिक काल से परम पूज्यनीय है,स्थानीय जनमानस में इस मंदिर के प्रति अगाध श्रद्वा है।स्कंदपुराण में गोपीश्वर महादेव की महिमां का अद्भूत वर्णन करते हुए कहा गया है।गोपेश्वर के स्मरण व दर्शन से समस्त पापों का हरण हो जाता है। मिलता है
महार्षि भगवान वेद ब्यास जी ने गोपीश्वर की महिमां का बखान करते हुए कहा कि इस स्थान पर भगवान शंकर की पूजा करने से पृत मातामहादि पूर्वजों द्वारा किये गये पाप भी प्रभावहीन होकर क्षय को प्राप्त होते है।शिवजी की आराधना के लिए भूमण्डल में यह भूभाग सर्वोत्तम तथा शिवलोक की प्राप्ति कराने वाला कहा गया है।हिमालय की गोद में बसे उत्तराखण्ड़ के पवित्र आचलं जनपद बागेश्वर की भूमि में स्थित गोपेश्वर कभी गोपीवन के नाम से प्रसिद्व रहा हैं।

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