यदि तिथि ज्ञात न हो तो इस दिन करें श्राद्ध होगा कल्याण : पंडित त्रिभुवन उप्रेती

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यदि तिथि ज्ञात न हो तो इस दिन करें श्राद्ध होगा कल्याण : पंडित त्रिभुवन उप्रेती

अगर पितृपक्ष या तिथि श्राद्ध में किसी कारण मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं हो तो इसके लिए अमावस्या तिथि को श्राद्ध करने का विधान है। पितृ अमावस्या को श्राद्ध करने से आयु, वृद्धि, यश, कीर्ति, वैभव, धनधान्यादि आदि का सुख प्राप्त होता है। इसमें कोई संदेह नहीं है, तिथि ज्ञात हो अथवा न हो श्राद्ध अथवा गौग्रास, ब्राह्मण भोजन, दान, श्राद्ध करने के लिए अमावस्या तिथि श्रेष्ठ कहीं गई है।। इसमें श्राद्ध करने से श्राद्ध का क्षय नहीं होता बल्कि पितरों को प्राप्त होता है।।पितरों के श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन कराने से कोटी यज्ञ फल प्राप्त होता है बिना ब्राह्मण भोजन के श्राद्ध का कोई अर्थ नहीं है।। श्राद्ध में लड़की के बच्चों को भोजन कराने से सौ गुना आशिर्वाद प्राप्त होता है।। अतः श्रद्धा पूर्वक अमावस्या को ज्ञात अज्ञात तथा मृत बन्धु बांधवों का श्राद्ध करना चाहिए।।दुष्ट, दुर्जन, मादक, मदहोश, को कभी भी श्राद्ध भोजन नहीं करना चाहिए।। श्राद्ध पक्ष में भी नित्य कर्म देवपूजन, आरती, शंख घंटी बजाई जा सकती है केवल श्राद्ध के समय यह वर्जित है।। श्राद्ध में केवल अनार के पत्र, आंवला, व सफेद पुष्प अर्पित किए जा सकते, जौं तिल, सफेद चन्दन, सफेद वस्त्र कर्ता वह ब्राह्मण को धारण करना चाहिए, शीतल जल, कुश, गाय के दूध, का प्रयोग किया जाता है।। अतः श्रद्धा भक्ति पूर्वक श्राद्ध करना सभी का कर्तव्य है।।।
आपका पंडित त्रिभुवन उप्रेती ज्योतिष कार्यालय नया बाजार हल्दूचौड हल्द्वानी नैनीताल, 9410143469,,9917004859,,,

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