हल्दूचौड़ के डूगरपुर क्षेत्र में खोलिया आवास पर चल रही श्रीमद् देवी भागवत कथा में भक्तों की आपार भीड़ कथा श्रवण हेतु पधार रही है यहाँ प्रसिद्ध कथा वाचक व्यास प० चन्द्र शेखर त्रिपाठी ने भक्त जनों के समूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो भी प्राणी देवी की शरणागत है उसके समस्त मनोरथ पूर्ण होते है उन्होने कहा देवी के पावन चरित्रों का श्रवण करने से जन्म जन्मान्तर के पापों का हरण हो जाता है कथा वाचक व्यास श्री त्रिपाठी जी ने कहा
श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण परम सौभाग्य का विषय है उन्होंने कहा कि इस कलिकाल में श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण करना और कराना बहुत फलकारी होता है। उन्होनें देवी की महिमां पर विशेष रुप से प्रकाश डालते हुए कहा देवी माँ से अपने, देश व समाज के कल्याण की कामना करनी चाहिये।
उन्होंने आगे कहा कि बड़े पुण्य कर्मों से मानव जीवन प्राप्त होता है अत: इसका अधिक से अधिक सद्पयोग करना चाहिये व पुण्य कार्य करके जीवन को सफल बनाना चाहिये। उन्होनें कहा माता, पिता और संतों की सेवा करने और आशीर्वाद लेने से आयु में वृद्धि होती है और सुख समृद्धि आती है
श्री त्रिपाठी ने कहा देवी के पावन चरित्रों से बढ़कर कुछ भी नही है।श्रीमद्देवी भागवत नामक पुराण से बढ़कर कोई पुराण नहीं है। श्रीमद् देवी भागवत कथा पढऩे व सुनने से कोई भी पदार्थ दुर्लभ नहीं रह सकता है। इनकी कृपा से सभी कष्टों का निवारण शीघ्र हो जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि जो मनुष्य परम अमृत स्वरुप इस कथा को पढ़ता व सुनता है। संसार में भगवती की कृपा से उसके सभी मनोरथ पूर्ण हो जाते हैं श्री त्रिपाठी ने कहा मनुष्य को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इसका वर्णन कई ग्रंथों और शास्त्रों में पाया जाता है। इन बातों को समझ कर, उनका पालन करने पर जीवन को सुखद बनाया जा सकता है। आस्तिकता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्री त्रिपाठी ने कहा आस्तिकता का अर्थ होता है- देवी-देवता में विश्वास रखना। मनुष्य को हमेशा ही देवी-देवताओं का स्मरण करते रहना चाहिए। जीवन में सफलता हासिल करने के लिए आस्तिकता की भावना होना बहुत ही जरूरी होता है
शास्त्रों में दिए गए सिद्धांतों से सीख के साथ-साथ पुण्य भी प्राप्त होता है। इसलिए, शास्त्रों और पुराणों का अध्यन और श्रवण निरतंर करते रहना चाहिए।
उन्होनें कहा जीवन में कई समस्याओं का हल केवल देवी का नाम जपने से ही पाया जा सकता है। जो मनुष्य पूरी श्रद्धा से माँ के नाम का जाप करता है, उस पर माँ की कृपा हमेशा बनी रहती है। भगवान का भजन-कीर्तन करने से मन को शांति मिलती है और पुण्य की भी प्राप्ति होती है
इस अवसर पर यजमान श्रीमती पद्मा खोलिया श्रीमती रेनू खोलिया प्रदीप खोलिया श्रीमती गीता खोलिया ललित खोलिया बसन्त बल्लभ खोलिया शील चन्द्र खोलिया महेश चन्द्र खोलिया सहित अनेकों मौजूद रहे
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