सभी कार्यो के लिए शुभ नहीं है नवरात्रि : प० त्रिभुवन उप्रेती

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महापर्व नवरात्री का शुभ मुहूर्त 26 सितंबर 2022 को

अखंड सौभाग्य एवं पुत्र प्राप्ति का मार्ग नवरात्री पूजन व व्रत– कलश स्थापन का महापर्व 26 सितंबर 2022 सोमवार से शुरू होगा,,

आश्विन शुक्ल प्रतिपदा के दिन प्रातः 08 बजकर 36 मिनट तक सम्पूर्ण भारत वर्ष में वैधृति महापात ( क्रान्ति साम्य) दोष होने के कारण कलश स्थापन प्रातः 08=38 मिनट पर किया जायेगा। जो सभी दृष्टिकोण से शुभ है।। नवरात्री का पर्व 26 सितंबर से विजया दशमी 05 अक्टूबर तक रहेगा। यों तो पूरे वर्ष में दो बार चैत्र शुक्ल पक्ष एवं आश्विन शुक्ल पक्ष में नवरात्री मनाने का विधान है।इनमें दोनों नवरात्री को मनाने का एक ही विधान है।

नवरात्री देवी भगवती के नौ रूपों की पूजा का महात्म्य कहा गया है। जो भी व्यक्ति स्त्री, पुरूष, कन्या नवरात्री का व्रत पूजन करते है उन्हें समृद्धि, पुत्र, सौभाग्य, धन, विद्या, ममता, सुख, करूणा की प्राप्ति होती है।

कैसे करें पूजन —- सर्वप्रथम नहा धोकर शुद्धता से घर की सफाई करके कलश स्थापन करें। अखंड दीपक जलायें, तत्पश्चात विधान से हरेला बोयें, संकल्प लेकर स्वस्ति वाचन, गणेश पूजन, मातृका पूजन, देवी पूजन पाठ करें, प्रथम दिन शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी,सिद्धरात्री देवी की क्रम से पूजा व व्रत करें, पान सुपारी, नारियल वस्त्र धूप दीप समर्पित करें। नवरात्री के अन्तिम दिन 10 वर्ष के नीचे की कन्याओं का पूजन कर दक्षिणा अर्पित करें। शुद्धता एवं आलिस्य रहित पूजन से मां भगवती के सभी रूप जाग्रत होते हैं। नित्य दुर्गा सप्तशती पाठ खुद करना चाहिए। —-

1.नवरात्री सभी कार्यों के लिए शुभ नहीं होती—— आम लोगों में धारणा है कि नवरात्री सभी कार्यों के लिए शुभ होती है परन्तु ऐसा बिल्कुल नहीं है,,, नवरात्री देवी उपासना, अराधना तंत्र मंत्र साधना, ग्रह पूजन, जप आदि के लिए शुभ मानी गई है परन्तु नवरात्री में नूतन ग्रह प्रवेश, मुंडन, अशुभ कहा गया है। अगर सूर्य भगवान कन्या राशि यानि आश्विन की नवरात्री हो तो यह कार्य नहीं करना चाहिए, अर्थात ग्रह प्रवेश , मुंडन, जनेऊ, कार्य वर्जित है।।

नव रात्री व्रत व पूजन की तिथियां—– 26 सितंबर सोमवार—-प्रतिपदा तिथि शैल पुत्री पूजन व कलश स्थापन प्रातः 08=38 बजे से। 2—– मंगलवार दिनांक 27 सितंबर ब्रह्मचारिणी व्रत,, 03—– बुधवार 28 सितंबर चन्द्रघंटा व्रत,,, 04—-29 सितंबर वृहस्पतिवार कुष्मांडा देवी व्रत व पूजन,। 04—- 30 सितंबर शुक्रवार संकन्दमाता व्रत, –01 अक्टूबर 2022 शनिवार कात्यायनी देवी व्रत व पूजन, —-02 अक्टूबर 2022 रविवार कालरात्रि व्रत व पूजन, 03 अक्टूबर 2022 सोमवार महागौरी, महादुर्गा अष्टमी, सरस्वती व्रत एवं पूजन –04 अक्टूबर 2022 मंगलवार सिद्धिदात्री व्रत महानवमी, कन्या पूजन, –05 अक्टूबर 2022 वुधवार विजया दशमी, दशहरा, हरेला पूजन, दुर्गा विर्सजन।।

 

ज्योतिष पं त्रिभुवन उप्रेती ज्योतिष कार्यालय नया बाजार हल्दूचौड हल्द्वानी नैनीताल उत्तराखंड, 9410143469,9917004859,,

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