26 सितंबर की प्रातः सूर्योदय पूर्व 03बजकर 24 मिनट को भूलोक से विदा होगी पितरों की सरकार

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25 सितंबर 2022 रविवार अमावस्या तक रहेगी भूलोक में पितरों की सरकार —– 25 सितंबर 2022 रविवार को अमावस्या तिथि पितृ विसर्जन होगा, इस बीच सभी पितर धरती में अपने कुल वंशजों, व अपने चहाने वाले पारिवारिक लोगों के बीच रहेंगे, तथा उसी रात्रि को यानि 26 सितंबर की प्रातः सूर्योदय पूर्व 03बजकर 24 मिनट में अपने कुल वंशजों व अपने पारिवारिक सदस्यों को आशिर्वाद प्रदान कर अपने लोक पितृ लोक को प्रस्थान करेंगे,, अर्थात स्वर्ग को एक वर्ष के लिए प्रस्थान करेंगे। 25 सितंबर 2022 रविवार को सर्वकार्यार्थ पितृ विसर्जन दर्श अमावस्या होगी, तथा श्राद्ध समाप्त होंगें,,

यह दिन गरूड़ पुराण के अनुसार महाशुभ दिन कहा गया है सभी लोगों को इस दिन श्रृद्धा भक्ति पूर्वक अपने पितरों को उच्च कोटी के भोजन, दान गाय को ब्राह्मणों को भोजन दक्षिणा देकर पितरों को सम्मान सहित विदा कर अपने इहलोक वह परलोक के मार्ग को ठीक करने की कामना करनी चाहिए बुढ़े असहाय, गरीब, गाय, कौवे, को भोजन व सहायता कर आशिर्वाद मांगना चाहिए।। यह दिन छुटे ज्ञात अज्ञात पितरों को याद करने व उनका श्राद्ध करने के लिए भी महत्वपूर्ण दिन है।। इस दिन श्राद्ध में पितामह ।। दादा।। वाला पिंड नि: संतान स्त्री को खिलाने से पुत्र प्राप्ति होती है।।

अमावस्या तिथि को पीपल वृक्ष के पास तर्पण करने से कोटी कोटी यज्ञ फल प्राप्त होता है।। यह दिन महत्वपूर्ण दिन होने की वजह से योग्य पुत्र को श्राद्ध निष्ठापूर्वक करना चाहिए जिससे कुल वृद्धि, धनधान्यादि, आयु,पशु सुख, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।। पितृ विसर्जन का दिन ही विशेष पितृ दिवस होता है अतः निष्ठा समर्पण से पितृ श्राद्ध करने से पितरों को पितृ लोक में सम्मान प्राप्त होता है।।।। पंडित त्रिभुवन उप्रेती ज्योतिष कार्यालय नया बाजार हल्दूचौड हल्द्वानी नैनीताल उत्तराखंड,9410143469,,,

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