अक्षय तृतीया पर प्रतिभाओं का किया सम्मान मानव उत्थान सेवा समिति ने लालकुआं में किया सत्संग का आयोजन

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अक्षय तृतीया पर प्रतिभाओं का किया सम्मान मानव उत्थान सेवा समिति ने लालकुआं में किया सत्संग का आयोजन

मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा आज यहां लालकुआं के होटल जगदीश में अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर विशाल सत्संग का आयोजन किया गया इस अवसर पर हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट में शानदार प्रदर्शन करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया इसके अलावा अन्य प्रतिभाशाली बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया

सद्गुरुदेव सतपाल महाराज जी की परम शिष्या महात्मा प्रचारिका बाई ने इस दौरान कहा कि अक्षय तृतीया पर किया गया पुण्य कर्म जन्म-जन्मांतर के पुण्य पुंज उदय होने के बाद प्राप्त होता है उन्होंने कहा कि सत्संग वह ज्ञान यज्ञ है जिसके माध्यम से व्यक्ति के अंदर श्रेष्ठ भावनाओं का संचार होता है और मनुष्य अपने मानवीय मूल्यों को समझते हुए श्रेष्ठता के उच्च शिखर को प्राप्त करता है

इस अवसर पर मानव उत्थान सेवा समिति एवं अग्रवाल ट्रेडर्स लालकुआं के स्वामी जगदीश अग्रवाल के संयुक्त तत्वावधान में इंटरमीडिएट की परीक्षा में उत्तराखंड में मेरिट में स्थान हासिल करने वाली आयुषी भट्ट को शील्ड मेडल व मंगल पट्टीका पहना कर सम्मानित किया गया इसके अलावा हाई स्कूल में शानदार सफलता हासिल करने वाले अभिनव पंत तथा वैष्णवी गुप्ता को भी मेडल शील्ड एवं मंगल पट्टी पहनाकर सम्मानित किया गया इस दौरान महात्मा प्रचारिका बाई मानसानंद जी आलोकानंद जी हिरण बाबा आश्रम के अशोकानंद गिरि हनुमान मंदिर दवाई फॉर्म के तीरथ गिरी महाराज ने संयुक्त रूप से होनहार बच्चों को आशीर्वाद प्रदान किया कार्यक्रम में मुख्य रूप से जगदीश चंद्र अग्रवाल महावीर जैन शंभू दत्त नैनवाल स्वामीनाथ पंडित प्रेमनाथ पंडित रणविजय सिंह शालिग्राम वरिष्ठ पत्रकार रमाकांत पंत भुवन पांडे देव भूमि व्यापार मंडल के हुकम सिंह कुंवर श्याम सिंह नेगी प्रेस क्लब अध्यक्ष बीसी भट्ट समाजसेवी पंकज जायसवाल रमेश चंद्र मिश्रा राजलक्ष्मी पंडित तारा पांडे भागीरथी पांडे मधुमित्तल हंसराज सपरा मीना सपरा हंसी रावत ध्यान सिंह रावत देवेंद्र भंडारी उमेद सिंह रावत समेत अनेकों श्रद्धालु मौजूद रहे कार्यक्रम का संचालन अजय उप्रेती ने किया इससे पूर्व उपस्थित श्रद्धालुओं ने सुंदर भजन कीर्तनों की प्रस्तुति की तथा सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी के शिष्य संत महात्माओं के द्वारा धर्म ग्रंथ पर आधारित विभिन्न प्रेरक प्रसंग के माध्यम से ज्ञानवर्धन किया गया

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