स्वयं शिव ने माँ पार्वती से केदारखण्ड में कहा है कि इस तीर्थ की महिमा का बखान 100 वर्षों में भी संभव नहीं जानिये कौन है प्रभु श्री राम की यह ईष्ट देवी

ख़बर शेयर करें

 

प्रभु श्री राम चन्द्र जी की ईष्ट देवी माँ पीताम्बरी का पूजन बंगलाधार क्षेंत्र में नवरात्रियों के अवसर पर धूमधाम के साथ आयोजित हो रहा है
उत्तराखण्ड़ क्षेत्र में स्थित टिहरी गढ़वाल के घनसाली घुत्तू क्षेत्र में स्थित बंगलाधार प्राचीन काल से परम पूज्यनीय है इस पर्वत पर माँ बंगलामुखी विराजमान है स्कंद पुराण के केदार खण्ड में इस स्थान का अलौकिक वर्णन मिलता हैमंदिर के पुजारी श्री रामकृष्ण महाराज ने बताया कि माँ पीताम्बरी की पूजा प्रभु श्री रामचन्द्र जी ने भी की थी इस कारण इस देवी को रामा प्रपूजिता भी कहा जाता है उन्होंने बताया रविवार धन तेरस को भी माँ का विशेष पूजन आयोजित हुआ और सोमवार को दीपावली के अवसर पर भी भव्य पूजन का आयोजन होगा यहाँ बताते चलें इस गोपनीय तीर्थ की महिमां सबसे पहले भगवान शिव ने बताई माता पार्वती को केदारखण्ड के 45 वें अध्याय में मिलता है,सुन्दर वर्णन

बगला क्षेंत्र को कहा गया है देवी का नगर, महादेवी बगला सभी तन्त्रों में प्रसिद्ध है शत्रु का स्तम्भन करनें वाली माँ बगला ब्रह्मास्त्र विद्या के नाम से है जगत में प्रसिद्धइस क्षेंत्र की महिमां का बखान करते हुए भगवान शंकर माता पार्वती को बताते है,यहाँ सात रात निराहार रहकर बंगला देवी का मंत्र जप करने से अत्यन्त आकाशचारिणी सिद्धि प्राप्त होती है केदारखण्ड में स्वंय भगवान शिव ने कहा है,सभी यज्ञों में जो पुण्य मिलता है और सभी तीथों में जो फल प्राप्त होता है, वह फल बगला देवी के दर्शन से ही मिल जाता है और सौ वर्षो तक भी यहाँ की महिमां का वर्णन नहीं किया जा सकता है

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad