कलिकाल के समस्त संतापों का निवारण करती है श्री राम कथा : अवधेश मिश्र किंकर

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किच्छा/ यहां सुनहरी स्थित सिद्धेश्वर महादेव धर्मशाला में मानव उत्थान सेवा समिति तथा अग्रवाल समाज के संयुक्त तत्वावधान में चल रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथा वाचक डॉ अवधेश मिश्र ने कहा कि श्री राम कथा के सुमिरन से मनुष्य के समस्त प्रकार के संतापों का इस प्रकार से निराकरण हो जाता है जैसे सूर्य की रोशनी में घनघोर अंधकार दूर हो जाता है उन्होंने आज श्री राम कथा के दूसरे दिन संत महिमा शिवचरित्र शिव पार्वती संवाद तथा माता सती का प्रभु राम की माया के आगे भृम में पड़ जाना आदि प्रसंगों का बहुत ही सुंदर वर्णन सुनाया उन्होंने संत समाज की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि संत समाज इस संसार में चलता फिरता प्रयागराज है जिसके सानिध्य में मनुष्य को कल्याण और आनंद दोनों प्राप्त होते हैं उन्होंने कहा कि संतों के सानिध्य से व्यक्ति को सत्संग का अवसर मिलता है और सत्संग के माध्यम से उसके अंदर ज्ञान और वैराग्य रूपी नेत्रों का जागरण होता है और जब ज्ञान और वैराग्य रूपी नेत्र जागृत हो जाते हैं तो भक्ति उसे स्वयं ही प्राप्त हो जाती है उन्होंने कहा कि भक्ति अपने आप में उस मणि के समान है जो स्वयं प्रकाशित होती है तथा उसे काम क्रोध लोभ मोह अहंकार ईर्ष्या जैसे विकार नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं उन्होंने कहा कि दुनिया में जितने भी अवतार हुए हैं सभी ने गुरु की कृपा से ही अपना अभीष्ट प्राप्त किया है उन्होंने कहा कि जब मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पुण्य पुण्य उदय होते हैं तब उसे श्री राम कथा सुनने का सौभाग्य प्राप्त होता है कार्यक्रम के मुख्य आयोजक सदगुरुदेव श्री सतपाल महाराज जी के परम शिष्य महात्मा सत्यबोधानंद जी ने कहा कि राम संपूर्ण दुनिया के आधार हैं और वे ही संपूर्ण जगत के आराध्य हैं उन्होंने कहा कि भगवान राम का संपूर्ण जीवन मर्यादित आचरण करने की शिक्षा देता है उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में भी अपने धर्म और धैर्य को नहीं खोना चाहिए भगवान राम से शिक्षा लेकर हमें एक आदर्श नागरिक की आज्ञाकारी पुत्र की और धर्म परायणता की सीख लेनी चाहिए इस दौरान महात्मा प्रचारिका बाई महात्मा मानसानंद महात्मा हेमंती बाई ने भी मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग के माध्यम से उपस्थित राम भक्तों का मार्गदर्शन किया कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुख्य यजमान सियाराम अग्रवाल सविता अग्रवाल के अलावा भगवानदास वर्मा कन्हैया सिंह शंभू दत्त नैनवाल ग्यारसी अग्रवाल मदन मोहन गिरधारी लाल प्रहलाद खुराना माला सिंह मनीषा गुप्ता श्वेता आशीष नंदी भट्ट समेत अनेकों श्रद्धालु मौजूद थे

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