माँ भद्रकाली दरबार में इस दिन से होगा श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन कथा को लेकर समूचे कमस्यार घाटी में जबरदस्त उत्साह

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बागेश्वर/उत्तराखण्ड सहित देश के लोगों की पावन आस्था का केन्द्र माँ भद्रकाली मंदिर में 30 मार्च से भव्य श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन होने जा रहा है आयोजन को लेकर क्षेत्र में जबरदस्त उत्साह है कथा का पारायण 8अप्रैल को हवन ,यज्ञ व भब्य भंडारे के साथ होगा।

माँ भद्रकाली मंदिर समिति की बैठक में संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत की कथा को लेकर पूरी रूपरेखा तय की गयी यहाँ मंदिर परिसर में समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भंडारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि श्रीमद्देवी भागवत को भव्यता प्रदान करने के लिए सभी भक्तों का सहयोग लिया जाऐगा समिति ने यह भी निर्णय लिया कि कथावाचन के दौरान प्रतिदिन भण्डारे का आयोजन होगा। तथा पारायण दिवस पर विशाल भण्डारा आयोजित होगा उन्होंनें समस्त क्षेत्र वासियों का आवाहन करते हुए कहा कि 30 मार्च से आयोजित हो रहे उपरोक्त कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर कथा श्रवण कर पुण्य के भागी बने
बैठक में मुख्य रूप से अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भंडारी, कोषाध्यक्ष सुरेश रावत, समाज सेवक संतोष कांडपाल उपाध्यक्ष महेश राठौर लाल सिह रावत हीरा बल्लभ जोशी केवलानंद पांडेय मनोज कांडपाल भुवन बचखेती दिनेश मिश्रा पूरन जोशी मोहन कांडपाल गोपाल राठौर प्रदीप जोशी महेश जोशी शंकर धपोला आदि मौजूद रहे बैठक का संचालन समिति के सचिव पंकज डसीला ने किया।
श्री डसीला ने बताया कि जनपद बागेश्वर के कमस्यार घाटी में स्थित माँ भद्रकाली का यह दरबार जन- जन की आस्था का केन्द्र है पुराणों ने इस दरबार की अद्भूत महिमां गायी है

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उन्होने कहा जनपद बागेश्वर का भद्रकाली क्षेत्र आध्यात्म जगत में प्राचीन काल से ही काफी प्रसिद्ध रहा है।नागराजाओं व विभिन्न नागों सहित कभी शाण्डिल ऋषि,कुशंडी ऋषि, पंतजली ऋषि, सहित असंख्य ऋषि मुनियों की तपस्या का केन्द्र रहा यह पावन क्षेत्रं तीर्थाटन की दृष्टि से बेहद उपयोगी है शांडिल्य ऋषि ने माँ भद्रकाली घोर तपस्या की और यहां मां भद्रकाली के चरणों में अपने आराधना के श्रद्धा पुष्प अर्पित करते हुए उन्होंने अनेक दुर्लभ सिद्धियां प्राप्त की।
महर्षि व्यास जी ने भी इस रमणीक घाटी का जिक्र स्कंद पुराण में किया है।इसे शिव व शक्ति की वासभूमि के नाम से भी पुकारा जाता है। इसी पावन भूमि पर आस्तीक आदि ऋषियों ने नागों के साथ मिलकर माँ भद्रकाली को समर्पित वैभवशाली यज्ञ किया।इस महायज्ञ के बारे में पुराणों में विस्तार के साथ कथा आती है।
उन्होंने कहा ऐसा पावन व दिव्य स्थल और कही नही ऐसी पावन भूमि पर समय- समय पर अनेक धार्मिक कार्यक्रम भक्तजनों के सहयोग से निरंतर होते रहते है इसी क्रम में 30 मार्च से श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन होने जा रहा है

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