हल्द्वानी के प्राचीन शिव मंदिरो में एक है तारकेश्वर महादेव

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हल्द्वानी रामनगर मोटर मार्ग पर कठघरिया से आगे रोड के किनारे तारकेश्वर महादेव जी की स्थली के प्रति भक्तजनों में बेहद आस्था है दूर – दराज क्षेत्रों से भी भक्ति व श्रद्धा के साथ लोग यहाँ शंकर का पूजन करने आते है मान्यता है कि यहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ की गई पूजा अर्चना का फल शीघ्र प्राप्त होता है

 

मंदिर के पुजारी श्री भुवन चंद्र पांडे ने बताया कि यह स्थान काफी प्राचीन है और इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा काफी वर्षो पूर्व से होती आ रही है यहां पर स्थित शिव पिंडी कब स्थापित हुई इस बारे में कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं है उन्होंने बताया कि प्राचीन समय में जब यहां घना जंगल था तब से ही यहां पर प्राचीन शिव पिंडी स्थापित है इसकी स्थापना कब व किस प्रकार हुई इस बारे में कोई ठोस व प्रमाणिक जानकारी नहीं है .उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनके हृदय में इस मंदिर के प्रति काफी आस्था है पहले यह काफी छोटा मन्दिर था इसी के भीतर प्राचीन काल से परम आस्था का प्रतीक शिव लिंग है बाहर से नन्दी व भगवान भैरव की मुर्ति है यह भी वर्षो के इतिहास को अपने आप में समेटे हुए है आज यह मंदिर भक्तों के सहयोग से भव्य स्वरूप मैं है मंदिर प्रांगण में अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं तथा अन्य छोटे बडे शिव लिंग भी स्थापित है प्राचीन शिव लिंग मंदिर प्रांगण में छोटे से मंदिर के भीतर स्थित है बरसात के दिनों में पानी भर जाने से यहाँ शिव पूजन में भक्तों को पूजा करने में कोई परेशानी ना हो इस सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा मंदिर बनाकर उसमें शिव लिंग स्थापित किया गया है

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कुल मिलाकर हल्द्वानी का तारकेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन काल से ही आस्था और भक्ति का अलौकिक संगम है हल्द्वानी क्षेत्र के निकट अनेकों प्राचीन शिवालय हैं शिवालयों के भीतर स्थित महादेव की पिंडीयां प्राचीन आध्यात्मिक इतिहास को अपने आँचल में समेटे हुए हैं

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हिमालय भूमि के प्रवेश द्वार पर स्थित प्राचीन शिव मंदिरों की श्रृंखलाओं में हल्द्वानी के तारकेश्वर महादेव जी का अपना प्राचीन इतिहास इस बात को दर्शाता है कि इस क्षेत्र में जितने भी प्राचीन शिव मंदिर हैं उन सभी शिव मंदिरों कि अपनी-अपनी विराट आध्यात्मिक महत्ताएं भी जरूर होगी आवश्यकता है मानस भूमि के प्रवेश द्वार में स्थित प्राचीन शिवालय को तीर्थाटन के रूप में विकसित किया जाए
तारकेश्वर महादेव के रूप में भगवान शिव के अनेकों मंदिर भारत भूमि पर हैं उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में भी इनका एक प्राचीन मंदिर परम आस्था के साथ पूजनीय है हल्द्वानी मैं स्थित तारकेश्वर महादेव की महिमा भी अन्य शिवालयों की भांति ही सर्वत्र पूजनीय है

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