भागवत कल्प वृक्ष है:  सतीश लोहनी

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चम्पावत/ रामधार छतार चम्पावत में इन दिनों श्रीमद् भागवत कथा की धूम मची हुई है प्रभु की कथा की गूंज से समूचे क्षेत्र का आध्यात्मिक वातावरण उमंग व उत्साह से भरा हुआ है श्री श्री श्री 1008 प्रेम दास मौनी जी महाराज के सानिध्य में यहाँ कथा का वाचन प्रसिद्ध कथावाचक व्यास सतीश लोहनी कर रहे है 5 मई से आरम्भ हुई कथा 12 मई को हवन यज्ञ व भण्डारे के साथ विराम होगी
कथा व्यास श्री लोहनी ने अपनी अमृतमयी वाणी से कहा इस दुर्लभ मानव जीवन में कभी भी श्रीमद् भागवत कथा आयोजन श्रवण का अवसर मिले तो ग्रहण करें। श्रीमद भागवत कथा का यह वृतांत और महत्व बताते हुए उन्होंने कहा भागवत कथा सुनने से जीवन को मुक्ति मिलती है। और आनन्द का संचार होता है।उन्होनें कहा भागवत जीवन का सार है जो हमें जीवन जीने की सरल व अलौकिक राह प्रदान करता है। जीवन का ज्ञान श्रीमद्भागवत कथा से ही प्रकट होता है। उन्होंने मन को बंधन और मुक्ति दोनों का कारण बताया। और कहा कि मन को वश में करके इसे परमात्मा से जोड़ना ही जीवन का सार है।भागवत कथा का श्रवण,मनन,व पालन समस्त दु:खों का अंत है जो जीवन को मर्यादित रहने की प्रेरणा देता है। अपनी सुधामय वाणी की धार से भक्तों पर अमृत वर्षा करते हुए उन्होंने आगे कहा मनुष्य काम, क्रोध, मद व लोभ के वशीभूत होकर प्रभु से दूर होता चला जाता है और यही ब्यथा जीवन भर उसका पीछा नहीं छोड़ती है जबकि अगर जीवन की व्यथा को दूर करना हो तो भागवत कथा का श्रवण कर प्रभु के चरणों में अनुराग करना चाहिए। यही जीवन की सार्थकता है
उन्होंने कहा कि मानव जीवन का प्रमुख उद्वेश्य परमात्मा को प्राप्त करना है। शरीर पाकर अगर आवागमन के बंधन से मुक्त नही हुए तो जीवन बेकार है।प्रभु ने लाखों पापियों का उद्धार किया। बस प्रेम से उन्हें याद करने की जरूरत है लेकिन मानव ऐसे दयालु प्रभु को छोड़कर सांसारिक झंझावातों का सामना कर रहा है। यही उसके दु:खों का मूल कारण है
कथावाचक व्यास लोहनी जी ने कहा कि कथा की सार्थकता तब सिद्व होती है जब हम इसे अपने जीवन में व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन ,कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी ।
जिसके श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए अथक प्रयास करने पडते हैं। कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है
कथावाचक व्यास श्री लोहनी ने कथा में भगवान के अवतार की महिमां पर विस्तार के साथ प्रकाश डाला तथा गाय की महिमां का सुंदर वर्णन किया।तथा स्वधर्म व मानवता रुपी महान् धर्म का संदेश दिया
क्षेत्र के आस्थावान भक्त मनोज पाण्डे ने बताया व्यास जी द्वारा यहां बेहद सुंदर ढंग से कथा सुनाई जा रही है जिसको लेकर समूचे क्षेत्र में विशेष उत्साह है
लोकेशन – चम्पावत
रिपोर्ट – रमाकान्त पन्त

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