काण्ड़ा की महाकाली का दरबार आस्था व भक्ति का है केन्द्र : हिमांशु काण्डपाल

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जनपद बागेश्वर के काड़ा में स्थित श्री महाकाली का दरबार परम आस्था का प्रतीक है यह बातें युवा समाज सेवी व व्यवसायी हिमांशु काण्डपाल ने यहाँ एक मुलाकात के दौरान बतायी उन्होनें कहा उत्तराखण्ड़ के प्रसिद्ध काली मन्दिरों में एक देवी के इस पावन क्षेंत्र की महिमां बड़ी ही अद्भूत व निराली है माता महाकालिका की इस भूमि के चारों ओर एक से बढ़कर एक महाप्रतापी तीर्थ स्थल मौजूद है जिनका वर्णन पुराणों में पढ़ा जा सकता है
उन्होनें कहा नाग मन्दिरों की श्रृखंला माता महाकाली की महिमां का विस्तार करती है सुन्दर रमणीक पहाडियों की गोद में स्थित तमाम लोक देवताओं के प्राचीन मंदिरों के सानिध्य में स्थित यह महाकाली मंदिर सदियों के इतिहास को अपनें आप में समेटे हुए है जगतगुरु शंकराचार्य सहित अनेक ऋषि मुनियों की तपोभूमि के नाम से भी मंदिर का महत्व प्रसिद्ध है

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कहा जाता है उत्तराखण्ड़ भ्रमण के दौरान जब जगतगुरु शंकराचार्य इस स्थान से होकर जा रहे थे तो उन्हें यहाँ अलौकिक शक्ति का आभास हुआ शक्ति की प्रेरणा से ही उन्होने यहां पर माँ काली का पूजन करके शक्ति को भदैलो से ढककर कीलित किया लोक मान्याताओं के अनुसार पहले यहाँ नरबलि की प्रथा का प्रचलन था दंत कथाओं के अनुसार इस क्षेत्र में कभी काल का जबरदस्त आतंक था। वह समय – समय पर नरबलि लेता था। अदृश्य रूप से ब्याप्त काल जिसका नाम लेता, उसकी मृत्यु हो जाती थी। काल के इस आंतक से समूचा भूभाग त्राहिमांम था लोग भयभीत रहते थे। जब जगतगुरु शंकराचार्य जब इस क्षेत्र में आये तो लोगों ने अपनी ब्यथा उन्हें बताई लोक कल्याण की भावना से जगद्गुरु ने यहाँ महाकाली की पूजा अर्चना करके काल शक्ति को कीलित करके सात कढ़ाईयों से ढ़क दिया तभी से यहाँ महाकाली का पूजन होता है

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