वन रैंक-वन पैंशन की विसंगतियों पर पूर्व सैनिकों ने द्वाराहाट में निकाली आक्रोश रैली।

ख़बर शेयर करें

 

 

रिपोर्टर:कैलाश पुजारी
स्थान:द्वाराहाट
: जनपद अल्मोड़ा में वन रैंक वन पेंशन-2 की विसंगतियों को लेकर पूर्व सैनिको ने विभिन्न विकासखंडों में आक्रोश रैली निकाली,साथ ही जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री तथा रक्षामंत्री को अपनी मांगो का ज्ञापन भी भेजा। दरअसल वन रैंक वन पेंशन में हुई बड़ी विसंगतियों से नाराज देश के रिटायर्ड सूबेदार से जवान रैंक तक के सभी पूर्व सैनिक लंबे समय से दिल्ली जंतर मंतर पर धरने पर बैठे है। इसी के तहत आज अल्मोड़ा, द्वाराहाट, चौखुटिया भिकियासैन के साथ अन्य सभी जगह विभिन्न सैनिक संगठनों ने आक्रोश रैली निकाली, उनकी मांग है कि केंद्र सरकार जल्द ही वन रैंक वन पेंशन-2 की विसंगतियों को दूर किया जाये। सैनिकों के निम्न बिंदु है।

* पूर्व सैनिको का आरोप है कि OROP में अधिकारीयों को 2.81 के पे बैंड पर पेंशन दीं जा रही है जबकि सूबेदार से नीचे रैंको को 2.57 के आधार पर क्यों-?
* MSP मिलिट्री सर्विस पे में भी भारी भेदभाव किया गया है,यहाँ अधिकारीयों को 15 हजार से अधिक धन राशि दीं जा रही है जबकि अन्य रैंको को मात्र 5 हजार ही क्यों.जबकि सेना के सभी वर्दी धारको को एक सम्मान MSP मिलनी चाहिए थी।
* डिसेबिलिटी को लेकर भी भारी भेदभाव किया गया है,अधिकारीयों को 2 लाख की धनराशि,जबकि अन्य रैंको को मात्र 18 हजार रूपये ही क्यों-?
* वहीं अधिकारीयों की विधवाओ को 57 हजार पेंशन जबकि अन्य रैंको की विधवाओ को मात्र 12 से 18 हजार ही क्यों।
* आर्मी कैंटीन से अधिकारी हर साल कारे निकाल सकते है,जबकि जवान ओर अन्य रैंक जीवन में केवल एक ही बार क्यों-?
पूर्व सैनिको ने रक्षा मंत्रालय एंव आर्मी के अधिकारीयों पर मिली भगत का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की सीमाओं पर सबसे आगे जवान और जे.सी.ओ.रहते है उनकी जान की कोई कीमत नहीं है,जबकि बड़े अधिकारी सबसे पीछे रहते है उनको सबसे ज्यादा वेतन-भत्ता क्यो? उन्होंने कहा केंद्र सरकार जल्द ही पूर्व सैनिको की मांगो का उचित समाधान करे,वरना यह लड़ाई ओर उग्र होगी।

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad