अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत बाबा मामा दास एवं देश के प्रसिद्ध पहलवान सूरजभान दास ने किये माँ अवंतिका के दर्शन हनुमानगढ़ी की बताई महिमां

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आस्था व भक्ति का संगम हनुमान गढ़ी मन्दिर : बाबा मामादास

लाल कुआँ/अयोध्या की पावन धरती परम पूजनीय है।इस धरा पर हनुमान गढ़ी मन्दिर एक ऐसा अलौकिक स्थान है जिसके दर्शन करने से मनुष्य की समस्त व्याधियां शान्त हो जाती है यह बात यहाँ पधारे हनुमानगढ़ी के महंत बाबा मामा दास जी ने एक भेंट वार्त्ता के दौरान कहे

यहाँ अवंतिका मंदिर में अयोध्या से दर्शन हेतु यहाँ पहुचें बाबा मामा दास जी ने कहा सांसारिक मायाजाल में भटके मानव को हनुमानगढ़ी में आकर बजरंगबली की कृपा से निराली शान्ति की प्राप्ति होती है। प्रभु श्री रामजी की कृपा हनुमान जी के बिना प्राप्त नही हो सकती है इसलिए अयोध्या आनेवाले भक्तजन सबसे पहले हनुमान गढ़ी पधारकर श्री हनुमान जी के दर्शन करके उनकी कृपा प्राप्त करते है।

उन्होनें कहा कि इनके दरबार में मागीं गयी मनौती कभी भी निष्फल नही जाती है।उन्होंने बताया हनुमान गढ़ी भारत भूमि के उत्तर प्रदेश में हनुमान जी का परम आस्थामय धाम है।श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में स्थित, यह शहर के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में एक है। माँ सरयू के तट अयोध्या के मध्य में स्थित हनुमानगढ़ी देश के प्रसिद्ध हनुमान मन्दिरों में एक है। इस मन्दिर की लोकप्रियता समूचे संसार में है। मनभावन सीढ़ियाँ पार करते हुए जब भक्तजन श्री हनुमान जी के दर्शन करते है। तो स्वंय को धन्य समझते है। राम मंदिर जाकर रामलला के दर्शन से पहले यहाँ पहुंचकर हनुमान जी के दर्शन का विधान है। कहा जाता है, चौदह वर्ष का बनवास व लकांपति रावण का बध करने के बाद जब प्रभु श्री राम जी का आगमन अयोध्या की धरती पर हुआ तो यहाँ लौटनें के बाद हनुमानजी को यह स्थान प्रदान किया गया यहां रहकर राम नाम का जाप करते हुए नगर की रक्षा सुरक्षा का दायित्व सभालने लगे। और यह स्थान हनुमान गढ़ी के नाम से प्रसिद्व हुआ इसे हनुमान कोट भी कहा जाता है। अयोध्या की धरती पर यही वह पावन स्थान है जहां से हनुमान जी अयोध्या व रामकोट की रक्षा करते थे। यहां की शोभा अति सुंदर है शिव अवतार हनुमान जी आज भी यहां साक्षात् विराजमान है ,यह विशाल मंदिर समूचे भारत में अपनी भव्यता के लिए विशेष रुप से प्रसिद्ध है
मामा दास जी ने बताया हनुमान जी का यह दरबार अयोध्या रेलवे स्टेशन के करीब है स्टेशन से मंदिर की दूरी लगभग एक किलोमीटर है।माना जाता है,कि मंदिर का निर्माण महान् धर्मात्मा राजा विक्रमादिय द्वारा करवाया गया। इन्हे अयोध्या के कोतवाल के नाम से पुकारा जाता है।

अपनी उत्तराखण्ड यात्रा के दौरान हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत बाबा मामा दास जी ने माॅ अवंतिका मंदिर में पहुंचकर प्रातः कालीन पूजा-अर्चना में भाग लिया यहां पहुंचने पर मंदिर के आचार्य पंडित चंद्रशेखर जोशी ने उनका स्वागत किया मामा दास जी के साथ हनुमानगढ़ी के प्रसिद्ध संत एवं देश के नामी पहलवान सूर्यभान दास लवकुश दास राहुल दास अभय दास आदि मौजूद रहे

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