मूलभूत सुविधाओं से वंचित बिरसिंग्या तोक झेल रहा है उपेक्षा का दंश

ख़बर शेयर करें

 

आजादी के लंबित वर्षों बाद भी पर्वतीय क्षेत्र के अनेक गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है ग्राम वासियों को जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है शिक्षा यातायात चिकित्सा विद्युत आदि तमाम ऐसी समस्याएं हैं जो समाधान की बांट जोह रही है ग्रामीण जन समस्याओं के निदान की मांग करते -करते थक चुके हैं सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहे तमाम गांवों में एक गॉव है बिरसिंग्यां जनपद नैनीताल के धारी ब्लॉक के बबियाड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला यह गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है गांव के विकास के लिए ग्राम वासियों द्वारा अनेकों बार आवाज उठायी गयी अनेकों बार शासन प्रशासन से मांग की गई लेकिन समस्या जस की तस है मुख्य मार्ग से लगभग पाँच किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गाँव प्राकृतिक रूप से बेहद सुन्दर है चारों ओर रमणीक पर्वत यहाँ की भव्य शोभा है लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते मार्ग निर्माण के अभाव में यह गॉव विकास से कोसों दूर है

 

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्त्ता रमेश चन्द्र टम्टा ने बताया
लम्बें समय से ग्रामीण जन अपनी समस्याओं को लेकर अनेकों बार शासन प्रशासन व जन प्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके है लेकिन ग्रामीणों की जटिल समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है गांव में सड़क तक नहीं पहुँच पायी है सड़क के लिए ग्रामीण लड़ते आ रहे हैं लेकिन क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों को झूठा आश्वासन दिया जा रहा है, श्री टम्टा ने कहा चुनाव के समय में राज नेताओं द्वारा लम्बें चौड़े वादे किये जाते है लेकिन बाद में इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है मार्ग निर्माण के अभाव में काश्तकारों को उनके परिश्रम का कोई लाभ प्राप्त नहीं हो पाता है किसानों की पकी फसल खेतों में ही सड़ जाती है,

 

शिक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में भी यह गांव बदहाली का दंश झेल रहा है उन्होनें बताया विद्यालय दूर व वन क्षेत्र में होने कारण छात्र छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करनें में बेहद कठनाईयों का सामना करना पड़ता है खासतौर से बालिकाएं शिक्षा से वंचित रह जाती रही है

चिकित्सा की कोई सुविधा न होनें के कारण छोटी छोटी बिमारियों के उपचार हेतु भी दूर दराज शहरी क्षेत्रों में जाकर उपचार को ग्राम वासियों को विवश होना पड़ता है गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय अपनी जान हथेली में रखकर लकड़ी के डोली में मुख्य सड़क तक पहुंचाया जाता है, लेकिन फिर भी सरकार खामोश है उन्होनें कहा ग्रामीणों द्वारा बार-बार सरकार से अनुरोध करते करते अब गांव वाले थक चुके हैं जिसके लिए ग्रामीणों ने वन विभाग को 90 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरण भी कर चुके हैं, सरकार द्वारा वन विभाग को 53 लाख की धनराशि जमा करनी थी जो लंबा समय बीतने के बाद भी जमा नहीं हो पाई है, जिसके चलते सड़क निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है, क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता रमेश चंद्र टम्टा ने कहा कि भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने अपनी विधायक निधि से ग्रामीणों के लिए 2 किलोमीटर सड़क का निर्माण कार्य दिया था, लेकिन वन विभाग द्वारा रोक दिया गया है, शासन प्रशासन की उपेक्षा पूर्ण रवैया से ग्रामीणों में निराश बनी हुई है वह अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं,

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad