हिमांचल का प्रसिद्ध माँ बगलामुखी मन्दिर

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हिमाचल की धरती में स्थित बगलामुखी माता का मन्दिर अनेक रहस्यों को अपनें आँचल में समेटे हुए है यहाँ पीताम्बरी स्वरूपिणी माँ बगलामुखी के दर्शनों को दूर – दूर क्षेत्रों से माँ के भक्त पहुंचतें है यहाँ किये जानें वाले हवन-यज्ञ अनुष्ठान बेहद फलदायी मानें जाते है इस मंदिर में लोक कल्याण की दृष्टि से हवन यज्ञ आयोजित होते रहते है माँ पर आस्था रखनें वाले भक्तों पर माँ सदैव कृपालु रहती है शत्रुनाशिनी यज्ञों के लिए भी इस भूमि की महिमां अवर्णनीय है प्रभु श्री राम की ईष्ट व आराध्या देवी होनें के कारण इन्हें रामा प्रपूजिता कहा जाता है इसी प्रकार योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण की ईष्ट देवी होने के कारण इन्हे केशव स्तुता भी कहते है मान्यता है कि इस मंदिर में पाण्डवों ने माँ बगलामुखी की पूजा की तथा अनेक दिव्य शक्तियां अर्जित की
पारिवारिक कलह , न्यायालय की दिक्कतें ग्रहों के संताप के निवारण के लिए खासतौर से यहाँ हवन यज्ञ आयोजित होते रहते है
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित यह मंदिर देश के प्रमुख बगलामुखी मदिरों में से एक है वनखण्डी वाली माताजी के नाम से भी इसकी प्रसिद्धी है और यह भी मान्यता है कि मंदिर का निर्माण द्वापर युग में पाण्डवों ने एक रात में किया
माँ बगलामुखी भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनकी बुरी शक्तियों का नाश करती है। रिद्वि और सिद्धि की प्राप्ति भी माँ की कृपा से ही संभव है इन्हें रिद्वि सिद्धि प्रदायनी देवी भी कहते है
इस स्थान तक पहुचेने के लिए कांगडा से लगभग 25 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है

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