समाज सेवा के क्षेत्र में महान् आदर्श है हेमंत गौनिया

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हल्द्वानी/निष्काम भावना से समाज सेवा में तत्पर रहने वाले हेमंत गौनिया आज उत्तराखंड की धरती पर एक महान आदर्श के रूप में स्थापित हो गए हैं प्रतिदिन वे किसी न किसी रूप में समाज सेवा के कार्यों में संलग्न रहते हैं कहीं दीन दुखियों की मदद करना कहीं गरीबों के उपचार के लिए अपना समय व्यतीत करना कहीं पर्यावरण की रक्षा के प्रति सजगता के साथ कार्य करना तो कहीं लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करवाना और भी मानवता के तमाम महान कार्य निष्काम भावना के साथ करते जाना हेमंत गौनिया की दिनचर्या में शामिल है कोविड काल के दौरान उन्होंने जिस तत्परता के साथ समाज की सेवा की वह भी समाज के लिए महान आदर्श है

प्रातः काल भोर की पहली किरण से पहले घर से निकल जाना व देर रात्रि घर में वापस आना फिर सुबह निकल पड़ना फिर देर रात वापस आना यह क्रम उनके दिनचर्या का हिस्सा बन गया है । समाज सेवा व परोपकार की भावना से श्री गौनिया निरंतर जनपद के विभिन्न स्थानों में जाकर आज भी सैनिटाइजर अभियान चलाए हुए हैं साथ ही दीन – दुखियों गरीब व असहाय लोगों की मदद के लिए पूरे मनोयोग के साथ कार्य करने के लिए वे समूचे क्षेत्र में जानें जाते हैं। निष्काम कर्म योगी की भांति कर्तव्य पथ में सलग्न श्री गौनिया कहते है। कि परोपकार से बड़ा उनके जीवन में कोई भी धर्म नहीं है।अब इन दिनों समय – समय पर वे डेंगू मलेरिया जैसी घातक बीमारियों से लोगों को बचानें व जागरुक करने में भी लगे हुए है। तथा कीटनाशक छिड़काव अभियान में जुटे रहते है।

मन में एकाग्रता व आचरण में पवित्रता का भाव रखने वाले हेमंत गौनिया के सामाजिक कार्यों की बड़ी ही लंबी श्रृंखला है वे अपने माता पिता को अपने जीवन का महान आदर्श मानते है आरटीआई एक्टिविस्ट के रूप में हेमंत गौनिया ने अब तक एक से बढ़कर एक खुलासे किये है

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