वाराही धाम में ” जय मॉ बगलामुखी ” पुस्तक का विधि- विधान के साथ हुआ पूजन

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+ मुख्य पुजारी भुवन चन्द्र तिवाड़ी को सप्रेम भेंट की गयी पुस्तक
+ पुस्तक को प्रसाद स्वरूप ग्रहण कर पुजारी ने लेखक का जताया आभार
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देवीधूरा ( चम्पावत ), बीते दिवस सम्पन्न हुए ऐतिहासिक बगवाल मेले की पूर्व संध्या पर स्व० श्री उमाशंकर पाण्डेय जी की मधुर स्मृति में लिखी गयी पुस्तक” जय मॉ बगलामुखी ” पुस्तक का यहाँ वाराही देवी मन्दिर में मुख्य पुजारी भुवन चन्द्र तिवाड़ी द्वारा विधिवत पूजन किया गया और पुस्तक माँ के चरणों में अर्पित की गयी।
पूजन व अर्पण अनुष्ठान सम्पन्न होने के साथ ही वाराही देवी के मुख्य पुजारी पण्डित भुवन चन्द्र तिवाड़ी को भी सप्रेम पुस्तक भेंट की गयी। ” जय मॉ बगलामुखी ” पुस्तक को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हुए मुख्य पुजारी श्री तिवाड़ी ने इसे अपना सौभाग्य बताया और पुस्तक के लेखक रमाकान्त पन्त का आभार जताते हुए उनका धन्यवाद भी किया ।
मुख्य पुजारी पण्डित श्री तिवाड़ी ने कहा कि दश महाविद्याओ में आठवीं प्रमुख महाविद्या बगलामुखी की महिमा पर पुस्तक प्रकाशित करना वास्तव में सनातन संस्कृति की महान सेवा है। उन्होंने कहा कि देवभूमि में मॉ बगलामुखी से जुड़े प्राचीन शक्ति स्थलों के साथ ही देशभर के अलग- अलग स्थानों में माता के प्रसिद्ध पौराणिक स्थलों व तीर्थों पर जिस विस्तार के साथ पुस्तक में उल्लेख किया गया है, सचमुच यह सराहनीय है। श्री तिवाड़ी ने कहा कि पुस्तक के माध्यम से देश- दुनियां को मॉ बगलामुखी जिन्हें पीताम्बरा भी कहा जाता है, इस शक्ति के प्राचीन तीर्थों की जानकारी मिल सकेगी। मुख्य पुजारी ने आशा व्यक्त की कि श्री पन्त व उनकी टीमआगे भी ऐसे सद्प्रयास जारी रखते हुए धर्म व संस्कृति की सेवा में अपना योगदान करते रहेंगे।
मदन मधुकर

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