आस्था व भक्ति का संगम है, नाथ नगरी बरेली : अभिनव सक्सेना

ख़बर शेयर करें

*🌹महाप्रतापी ऋषियों की तपोभूमि में पाण्डवों के पुरोहित धूम्र ऋषि ने भी की थी, तपस्या*
*🌹विभिन्न दिशाओं में स्थित शिवालय समेटे हुए हैं आध्यात्मिक का सुनहरा इतिहास*

बरेली/ *🌹 बरेली के आस्थावात भक्त अभिनव सक्सेना ने कहा कि पावन भूमि तीर्थाटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण भूमि है, यही वह भूमि है जहां पर देश के बड़े-बड़े ऋषि- मुनियों ने अपनी साधना के बल पर अलौकिक सिद्धियां अर्जित करके संसार में ज्ञान का प्रकाश बिखेरा। भगवान शिव से जुड़े यहां के पावन तीर्थ स्थल मंदिर आदिकाल से परम पूजनीय रहे हैं आस्था व भक्ति का संगम बरेली की धरती खासतौर से भगवान शिव की प्रिय भूमि कही जाती है। कल्याण दाता भगवान श्री शिव के अनेकों प्राचीन मंदिर बरेली की वसुंधरा में शोभायमान हैं तथा युगों युगों से धर्म व अध्यात्म की महानता का परम संदेश देते हुए अतुलनीय महिमाओं के भंडार को अपने आप में समेटे हुए हैं। भगवान शिव के परम भक्त नाथों की नगरी के नाम से भी इस भूमि की विशेष पहचान है। यूं तो बरेली शहर की पहचान अनेकों रूप में होती है लेकिन आध्यात्मिक रूप से इस भूमि की पहचान काफी समृद्ध है। सभी दिशाओं को प्रकाशित करने वाले भगवान शंकर के पावन व भव्य मंदिर भक्त जनों की परम आत्मिक शांति का केंद्र हैं।*
श्री सक्सेना ने कहा यहाँ के अलौकिक पावन, पौराणिक शिवालयों में, योगियों के ईश्वर योगेश्वर बाबा अलखनाथ जी का मन्दिर, नाथ सम्प्रदाय की महान् तपस्या का प्रताप श्री तपेश्वर नाथ जी का मन्दिर, वन देवताओं के आराध्य श्री बनखण्डेश्वरमहादेव,महाकल्याणकारी देवता श्री त्रिवटीनाथ जी, श्री मढ़ीनाथ जी, श्री धोपेश्वर नाथ जी सहित तमाम प्राचीन मंदिर बरेली की पावन भूमि की अद्भुत शोभा है। जो अतीत के सुनहरे आध्यात्मिक इतिहास को अपने आप में समेटे हुए हैं।* भगवान शंकर के परम प्रिय भक्त मच्छेंद्रनाथ ,गोरखनाथ
नागेश नाथ,भारती नाथ, सहित तमाम नाथों ने अपनी तपस्या
से इस पावन भूमि को सींचा।*
*🌹गगन मंडल में पश्चिम दिशा में चमकने वाला तारा धूम्र तारा जो कभी धूम्र ऋषि के नाम से जगत में प्रसिद्व थे कहा जाता है, कि उन्होंने बरेली की वसुंधरा में तपस्या करके अलौकिक सिद्धियां प्राप्त कर यह पदवी प्राप्त की यह ऋषि पांडवों के पुरोहित भी रहे। और एक महातपस्वी ऋषि होने के नाते देश के अनेक भागों में इनके मन्दिर हैं। और बरेली का धोपेश्वर मंदिर भी इन्हीं की पावन तपस्या का प्रताप माना जाता है।*
*🌹बरेली का बनखंडी मंदिर भगवान शंकर का महापुण्य दायक क्षेत्र कहा गया है। मान्यता है ,कि इस स्थान पर द्रोपदी ने भगवान शंकर की कठोर तपस्या की। अन्य तमाम प्रकार की कथाएं इस मंदिर के साथ जुड़ी हुई है। प्रेम नगर में स्थित त्रिवट महादेव का मंदिर बरेली की वसुंधरा में आस्था और भक्ति का अलौकिक संगम है। कहा जाता है, कि प्राचीन काल में इस स्थान पर विशाल वटवृक्षों का समूह था। इन वृक्षों में 3 वृक्ष बड़े ही अलौकिक थे और अलौकिक वृक्ष के नीचे शिव कृपा से एक महान शिव भक्तों को स्वप्न में शिव पिंडी के दर्शन हुए बाद में खुदाई के पश्चात यह पिण्डी प्रकट हुई जिसे महादेव की परम कृपा का प्रतीक माना जाता है। श्रद्धालु जन बड़े भक्ति भाव से यहां पहुंचकर अपने आराधना के श्रद्धा- पुष्प भगवान शंकर के चरणों में अर्पित करते हैं। तथा मनोवांछित फल प्राप्त कर शिव कृपा के भागी बनते हैं।*
उन्होंने कहा कि .इसी तरह अलखनाथ मंदिर, तपेश्वर मंदिर की अनेकों कथाएं जनमानस में काफी प्रसिद्ध हैं।यहां की भूमि में स्थित तमाम शिवालय शिव भक्तों के लिए भगवान शंकर की ओर से अनुपम भेंट है,शिवरात्रि के पावन अवसर पर एवं श्रावण मास में इन मंदिरों की छटा शिव भक्तों की अपार भीड़ से देखने लायक होती है।* दूरदराज क्षेत्रों से भक्तजन बरेली के इन शिवालयों में पहुंचकर भगवान शंकर के दर्शन कर अपना जीवन धन्य करते हैं।
*🌹कुल मिलाकर श्रद्धा की धरती बरेली का आध्यात्मिक वातावरण बड़ा ही समृद्ध है। कभी वियावान वनों के मध्य यहां के प्राचीन शिवालय आज शहर की विभिन्न दिशाओं में अपनी अलौकिक आभा बिखेरे हुए हैं। * ////// रमाकान्त पन्त////

Ad
Ad Ad Ad Ad
Ad