पंचेश्वर ( चम्पावत ), दश महाविद्याओं में आठवीं प्रमुख महाविद्या माता बगलामुखी देवी की अलौकिक महिमा पर स्व० श्री उमाशंकर पाण्डेय जी की मधुर स्मृति में लिखित पुस्तक ” जय मॉ बगलामुखी ” का यहा पंचेश्वर तीर्थ में विधि – विधान के साथ पूजन व अर्पण कार्य सम्पन्न किया गया। पंचेश्वर महादेव मन्दिर के मुख्य पुजारी महेश चन्द्र सुतेड़ी द्वारा पहले पुस्तक का विधिवत पूजन किया गया तत्पश्चात पंचेश्वर शिव के चरणों में पुस्तक अर्पित की गयी।
इस अवसर पर मन्दिर के महाराज रामतीरथ जी तथा मुख्य पुजारी महेश चन्द्र सुतेड़ी को भी जय मॉ बगलामुखी पुस्तक सप्रेम भेंट की गयी। पुस्तक को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हुए मुख्य पुजारी महेश चन्द्र सुतेड़ी ने कहा कि मॉ बगलामुखी की महिमा पर लिखी गयी पुस्तक प्राप्त होना उनके लिए बड़े ही सौभाग्य की बात है।
उन्होंने पुस्तक के लेखक व सहयोगी टीम के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि सनातन संस्कृति की दिव्य पहचान को जन-जन तक पहुंचाना आज बहुत ही जरूरी है, ताकि सनातनी समाज के अलावा देश-दुनियां के लोगों को भी दिव्य प्रकाश पहुंचाया जा सके ।
पंचेश्वर शिव मन्दिर में लगभग चालीस वर्षों से भोलेनाथ की सेवा में समर्पित बाबा रामतीरथ महाराज ने कहा कि जय माँ बगलामुखी पुस्तक के माध्यम से जन सामान्य को अपने धर्म व संस्कृति को जानने का अवसर मिलेगा और देवभूमि में माता से जुड़े तीर्थों व धर्म स्थलों के बारे में भी जानकारी प्राप्त होगी । बाबा रामतीरथ महाराज ने पुस्तक के लेखक रमाकान्त पन्त को आशीर्वाद देते हुए कहा कि पंचेश्वर महादेव आपको सनातन संस्कृति की इसी तरह सेवा करते रहने की प्रेरणा व सामर्थ्य प्रदान करेंगे ।
यहाँ यह बता दें कि पंचेश्वर तीर्थ में काली गंगा, गोरी गंगा, धौली गंगा, राम गंगा व सरयू गंगा नदियों का पवित्र संगम है, जहाँ स्नान, ध्यान, जय व तप का विशेष महत्व बताया जाता है।/ मदन मधुकर
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