(मुकेश कबीर)
राजनैतिक और सामाजिक तौर पर एक गीतकार के नज़रिए से मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा योगदान यही मानता हूं कि उन्होंने जन जन में उसी देशभक्ति का जज़्बा पैदा कर दिया जो आजादी के आंदोलन के वक्त होता था। उनके दस साल के कार्यकाल के दौरान भारत का सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से भी पुनरुत्थान हुआ है, कवि लोग देशभक्ति के गीत लिख रहे हैं, पश्चिम की तरफ भागने वाली नई पीढ़ी अब सनातन की ओर लौट रही है और राजनीतिक शुचिता का महत्व भी देश को समझ आने लगा है, शायद इससे बड़ी उपलब्धि कुछ और हो नहीं सकती क्योंकि विकास कार्य तो एक सिस्टम के अंतर्गत होते ही रहते हैं लेकिन जन जागृति सबसे कठिन काम होता है जो मोदी जी के कार्यकाल में हुआ है। यदि छोटे और स्थानीय स्तर पर देखें तो लोग कचरे को लेकर काफी सजग हुए हैं अब सार्वजनिक स्थानों पर हर कहीं कचरा फेंकने की आदतें बदल रही हैं,लोग पहले डस्टबिन ही ढूंढते हैं ऐसा पहले नहीं होता था, इधर सोशल मीडिया पर भी देश के बारे में नकारात्मक टिप्पणियां करने से लोग न केवल खुद बचते हैं बल्कि किसी और को भी देश का अपमान करने से रोकते हैं ऐसा ही धर्म के मामले में भी हुआ है खासकर सनातन पर भद्दी टिप्पणियां करने पर आम आदमी ही नहीं खास आदमियों का भी विरोध होता है फिर चाहे बड़े राजनेता हों या बड़े अभिनेता । फिल्मों में सनातन का अपमान करने की परंपरा सी रही है लेकिन अब सनातन का अपमान करने वाले कलाकारों का बॉयकॉट होने लगा है ,आमिर खान ने देश के बारे में जो निगेटिव कमेंट्स किए थे उसका परिणाम सबके सामने है।
असल में मोदी जी जिस तरह से अपनी बात रखते हैं वो आम आदमी तक सीधे पहुंचती है और वो अपने हर भाषण में भारत की महिमा जरूर बताते हैं ,याद कीजिए उनकी कविता “सौगंध मुझे इस मिट्टी की यह देश नहीं झुकने नही दूंगा”।
मोदीजी ने दो अभूतपूर्व कदम उठाए थे जो पहले कभी देखने को नहीं मिले पहला नोटबंदी और दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक और दोनों सफल सिर्फ इसलिए हुए क्योंकि मोदी जी के प्रति लोगों की मजबूत आस्था थी और उन पर भरोसा था वरना नोटबंदी जैसा निर्णय किसी भी विकासशील देश की जनता आसानी से बर्दाश्त नहीं कर पाती लेकिन सिर्फ मोदी के कारण ही लोगों ने लंबी लंबी लाइनें लगाकर इस निर्णय का पूरा साथ दिया और कई लोगों ने यहां तक कहा कि इस तरह की नोटबंदी होती ही रहना चाहिए।
मोदी जी अपने भाषण में महिलाओं का भी बहुत सम्मान करते हैं और वंचित शोषित वर्ग के उत्थान की भी बात करते हैं जिसका असर भी होता है और यदि मोदीजी विदेश में होते हैं तो भारत माता के सबसे सशक्त प्रतिनिधि होते हैं। तब वे एक एक करके भारत की विशेषताओं को अपने भाषणों में गिनाते हैं फिर बात चाहे यहां की कला संस्कृति की हो या खाने की सबका विस्तारपूर्वक वर्णन करते हैं और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भारत के संसाधनों का वर्णन भी एक सिद्धहस्त अर्थशास्त्री की तरह करते हैं और यह भी बताते हैं कि उन संसाधनों से विदेशी निवेशक किस तरह से लाभ अर्जित कर सकते हैं और वह सब बताते हुए वे भारत के हितों का ध्यान भी सबसे ऊपर रखते हैं,इसीलिए उनकी ज्यादातर व्यावसायिक योजनाएं सफल हुई हैं और कोरोना जैसी महामारी के बाद भी भारत का शेयर मार्केट लगातार ऊपर उठा है।
भारत पहले भी था और आज भी है लेकिन मोदीजी के कारण भारत को देखने का नजरिया सारी दुनिया में बदला है। विदेशों में भारत का महिमामंडन करना थोड़ा आसान होता है लेकिन अपने देश में ही अपने देश का महिमागान करना और उसके प्रति श्रद्धा पैदा करना बहुत कठिन होता है,यही कठिन काम किया है मोदी जी ने और आज भी दिन रात भारत माता की सेवा निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। आज मोदी जी का पचहत्तरवां जन्मदिन है,हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। (गीतकार)(विभूति फीचर्स)
लेटैस्ट न्यूज़ अपडेट पाने हेतु -
👉 वॉट्स्ऐप पर हमारे समाचार ग्रुप से जुड़ें