गुरु पूर्णिमां पर सत्य साधक गुरुजी ने दिया सभी शिष्यों को शुभाशीष

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प्रभु श्री राम एवं केशवंस्तुता अर्थात् जिनकी स्तुति स्वंय योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण ने की ,जिस देवी को केशवी, केशवाराध्या,किशोरी,व केशवस्तुता के नाम से जाना जाता है।ऐसी मंहामंगलस्वरुपा माता बगलामुखी देवी पीताम्बरी देवी के रूप में जगत में पूजित, वन्दित एवं सेवित हैं।उन्हे बारम्बार नमस्कार है।

माई पीताम्बरी के साधक श्री विजेन्द्र पाण्डे गुरुजी ने अपने सभी शिष्यों को गुरुपूर्णिमां के अवसर पर आशीर्वाद देते हुए माँ पीताम्बरी की महिमां का बखान करते हुए कहा माँ की महिमां अनन्त है उन्होने बताया बगलामुखी देवी को ही पीताम्बरी देवी अथवा पीताम्बरा देवी कहा जाता है। यह देवी सृष्टि की दश महाविद्याओं में से एक मानी जाती हैं। तंत्रशास्त्र में इस देवी को विशेष महत्व दिया गया है। अपनी उत्पत्ति के समय यह देवी पीले सरोवर के ऊपर पीले वस्त्रों से सुशोभित अद्भुत कांचन आभा से युक्त थी। इसीलिए साधकों ने इस देवी को ‘पीताम्बरी’ अथवा ‘पीताम्बरा’ देवी के नाम से भी सम्बोधित किया है।

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इस तरह यही बगलामुखी देवी पीताम्बरी देवी के रूप में जगत में पूजित, वन्दित एवं सेवित हैं।भगवान श्री राम व श्री कृष्ण की चिन्ताओं का हरण करने के कारण इन्हें विष्णु चिन्ताहरिणी भी कहा जाता है।इनके समान दयालु व करुणामयी कोई नही माई पीताम्बरी सभी का मंगल करे

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